Friday, March 29, 2024
Uncategorized

क्यूं मिले नीतीश कुमार राहुल से

रिपोर्ट: प्रज्ञा झा

चुनाव से पहले एक बार फिर से नीतीश कुमार ने दिल्ली का सियासी पारा गरमा दिया| राहुल गांधी से मुलाकात करने नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे | जिसके बाद करीबन 50 मिनट तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई अटकले लगाई जा रही है, कि यह बातचीत चुनाव को लेकर हो सकती है| राहुल से मिलने के बाद एचडी कुमार स्वामी और यचुरी ,अरविंद केजरीवाल ,अभय चौटाला से भी मिलने पहुंचे नीतीश कुमार |

नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे को अहम इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि 2024 के चुनाव आ रहे हैं ।जिस कारण सारे विपक्षी पार्टी एक साथ होते हुए नजर आ रहे हैं ।और सभी विपक्षी पार्टियों ने मोर्चा खोला है कि बीजेपी मुक्त भारत का अभियान शुरू करना है , एक विचारधारा वाली सारी पार्टियां एक साथ आकर विपक्ष पर निशाना साध रही है। अटकले लगाई जा रही थी कि नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री का एक चेहरा बन सकते हैं। लेकिन प्रेस के सवाल का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने साफ किया, कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए कोई दिलचस्पी नहीं रखते हैं बल्कि वह विपक्षी दलों को एक जुट करना चाहते हैं।


नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे से पहले पटना में केसीआर पहुंचे थे जहां पटना में कांफ्रेंस के दौरान वो कहते नजर आए कि ‘ आप इसे थर्ड फ्रंट का नाम क्यों दे रहे हैं हमने इसे कभी थर्ड फ्रंट नहीं समझा’
भारतीय राष्ट्रीय राजनीति में एक बात किसी से छिपी नहीं हुई है कि ममता बनर्जी और केसीआर विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हुए हैं जैसे कि 2024 के चुनाव में बीजेपी को करारी हार दी जा सके।


राजनीति में कब कौन कैसे पलट जाए, इस बात का कोई अंदेशा नहीं लगाया जा सकता । लेकिन 2024 के चुनाव के लिए ममता बनर्जी और कै सी आर तैयारियों में जुटे हुए हैं । कई बार यह देखा गया है कि ममता बनर्जी दिल्ली आती है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं से मिले बिना वापस लौट जाती हैं ।कभी केसीआर पटना आते हैं , तो दिल्ली में राहुल गांधी से मिले बिना वापस लौट जाते हैं।


इस बीच सवाल यही उठता है की आखिर क्यों नीतीश कुमार कांग्रेस या राहुल गांधी को इतना भाव क्यों दे रहे है।


न्यूज एजेंसी बीबीसी से बात करते हुए पटना के न सिंह इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डीएम दिवाकर इस बात का जवाब दिया है।
वो राहुल गांधी से नीतीश की मुलाकात को उनकी राजनीतिक मजबूरी मानते है। कहीं न कहीं ये भी कहा जा रहा है की नीतीश कुमार को आगे बढ़ने के लिए एक बैसाखी की जरूरत है। नीतीश बिना पार्टी के लीडर है और कांग्रेस में कोई लीडर नही है।

ममता बैनर्जी खुद अपने दम पर दो बार बंगाल में अपनी सत्ता बनाई तो वहीं केसीआर ने भी तेलंगाना का मोर्चा संभाल रखा है।
एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार कांग्रेस और आरजेडी के समर्थन से बनाई अपनी सरकार बनाने में कामयाब रहे है एक ये भी कारण है जिससे की नीतीश कुमार अब दिल्ली दौरे पर आए है। राजनीति में कौन अपना है और कौन पराया ये कहना जरा मुश्किल है क्योंकि सत्ता कब किसके हाथ में होगी ये कोई नही जानता। पर ये बात तो साफ है की सभी लोग बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल कर चल दिए है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *