विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में मचा हंगामा
रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा
मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में विपक्षी दलों की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है । जिसके चलते अभी सदन में हंगामा बरकरार है। कांग्रेस के सदस्य रंजन गोगोई द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी नेताओं से बात कर चर्चा का समय तय कर जानकारी देने की बात कही है। मंगलवार को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी।
सत्ता में जो भी सरकार है उसके कामों में चूक को पकड़ने के लिए विपक्ष मौजूद होता है। यही विपक्ष जब सरकार की कई गलतियां पकड़ता हैं तो उसे बताने के लिए संसद में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आता है। किसी भी सदस्य को संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 50 सदस्यों की समर्थन की आवश्यकता होती है । जिसके बाद संसद में इस प्रस्ताव पर चर्चा होती है और फिर वोटिंग होती है अगर लोकसभा में सरकार के समर्थन में ज्याद वोटिंग होती है तो सरकार अपना काम सुचारु रूप से कर सकती है अगर वोट सरकार के खिलाफ हैं तो नहीं सरकार गिर जाती है।
विपक्ष द्वारा लाया जा रहा ये प्रस्ताव गिरना तय है लेकिन फिर भी विपक्ष इसपर जोर दे रही है जिससे PM मोदी मणिपुर मुद्दे को लेकर कुछ बोलें। विपक्ष का इस प्रस्ताव का गिरना इसलिए तय है क्यूंकि BJP की नेतृत्व वाली NDA के पास 331 सांसद है वहीं I.N.D.I.A के पास कुल 150 से भी कम सांसद है ऐसे में ये प्रस्ताव पास नहीं हो पाएगा।
2019 में संसद में PM मोदी द्वारा दिया गया एक भाषण काफी वायरल हो रहा है जिसमें वो विपक्ष को नसीहत दे रहे है की वो 2023 में भी एक अविश्वास प्रस्ताव को लाने के लिए तैयारियां करें। PM मोदी मल्लिकार्जुन खरगे की एक बात का जवाब तंज में देते है वो कहते है अहंकार था तभी आप 400 से 40 हो गए लेकिन हमने काम किया जिसके चलते 2 सीटों से आज सरकार बना कर बैठे हैं।