राम से भगवान राम बने अरुण गोविल, प्रेम सागर ने बताया राज — कहा: लोगों ने उनमें सिर्फ भगवान को देखा

प्रेम सागर ने बताया कि रामायण में भगवान राम के रोल के लिए अरुण गोविल को क्यों और कैसे चुना गया, और शो की कास्टिंग से जुड़े कई दिलचस्प किस्से साझा किए।

मनोरंजन डेस्क | नेशनल खबर

रामायण में अरुण गोविल को राम बनाने का किस्सा, प्रेम सागर ने बताया पूरा राज़
मशहूर निर्माता रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर, जिन्होंने ऐतिहासिक टीवी शो रामायण बनाया, हाल ही में उन्होंने शो की कास्टिंग से जुड़े कई रोचक किस्से साझा किए।

प्रेम सागर ने बताया कि जब रामायण बनाने का आइडिया आया तो लोग हंसने लगे और बोले, “ये मुकुट-मूंछ वाला शो नहीं चलेगा।” लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। पहले विक्रम बेताल बनाया, जो हिट हो गया। और फिर उसी की कास्ट—अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया, सुनील लहरी और बाकी कलाकार—को रामायण में लिया गया।

अरुण गोविल कैसे बने भगवान राम?

प्रेम सागर के मुताबिक, अरुण गोविल की हल्की सी मुस्कान और राजसी व्यक्तित्व ने उन्हें राम के लिए परफेक्ट बना दिया। उनके कंधे और नाभि का अनुपात बिल्कुल समबाहु त्रिभुज जैसा था, जो स्क्रीन पर बहुत सुंदर लगता था। शुरुआत में उनकी मुस्कान पर काफी मेहनत करनी पड़ी, लेकिन जब वे विक्रम बेताल में दिखे, तब लगा कि राम के किरदार के लिए इससे बेहतर कोई नहीं। उनकी याददाश्त भी कमाल की थी—चार-पांच पन्नों के संवाद बिना गलती के याद कर लेते थे।

राम से भगवान कैसे बने?

प्रेम सागर ने कहा कि यह किसी ईश्वरीय हस्तक्षेप से कम नहीं था। दिल्ली में एक अधिकारी की मां ने रामायण के कुछ एपिसोड देखे और कहा, “यह भगवान हैं।” लोग अरुण गोविल को नहीं, बल्कि उनमें भगवान राम को देखने लगे। उमरगांव में शूटिंग के दौरान लोग उनके चरणों में बच्चे रखकर आशीर्वाद लेने लगे। उन्होंने कहा कि पटकथा, संवाद और निर्देशन इतने अच्छे थे कि लोगों ने अरुण गोविल में भगवान को ही देखा।

रणबीर कपूर के राम बनने पर प्रतिक्रिया

नितेश तिवारी की रामायण में रणबीर कपूर के राम बनने पर प्रेम सागर ने कहा, “इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता। अरुण गोविल भी एक अभिनेता ही थे, लेकिन उनमें ऐसे गुण थे कि लोग उन्हें भगवान मान बैठे। अब ये तो वक्त बताएगा कि लोग रणबीर को कैसे देखते हैं।”

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