
Maalik Review: जब भी राजकुमार राव किसी फिल्म में नजर आते हैं, वो अपने किरदार में पूरी जान डाल देते हैं। चाहे ‘स्त्री’ में लोगों को हंसी से लोटपोट करना हो या फिर ‘मालिक’ में गैंगस्टर बनकर खौफ पैदा करना — हर रोल में उनका अंदाज बेहतरीन होता है। इसी कड़ी में उनकी नई फिल्म ‘मालिक’ अब रिलीज हो चुकी है। फिल्म देखने से पहले जानिए इसका पूरा रिव्यू यहां।
मनोरंजन डेस्क | नेशनल खबर
Maalik Review: राजकुमार राव का गैंगस्टर अवतार, एक्शन और इमोशन से भरपूर है ‘मालिक’
क्या आप भी वीकेंड पर नेटफ्लिक्स और दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कुछ नया, ज़बरदस्त और अलग ढूंढते-ढूंढते थक चुके हैं? तो आपकी तलाश यहीं खत्म होती है! राजकुमार राव और मानुषी छिल्लर पहली बार साथ आए हैं फिल्म ‘मालिक’ में, और यकीन मानिए, यह फिल्म बड़े पर्दे पर भी उतनी ही दमदार है जितनी ट्रेलर में नजर आई थी। पुलकित के निर्देशन में बनी इस फिल्म में जबरदस्त केमिस्ट्री, तगड़ा एक्शन और गहरी कहानी का शानदार मिश्रण देखने को मिलता है। आइए जानते हैं क्या है इस फिल्म की खासियत और किन पहलुओं पर यह थोड़ी कमजोर रह जाती है।
कहानी
कहानी इलाहाबाद की गलियों से शुरू होती है, जहां दीपक (राजकुमार राव) रहता है। किसान का बेटा दीपक बड़ा सपना लेकर ऐसी राहों पर निकल पड़ता है जहां जाने की हिम्मत हर किसी में नहीं होती। हालात उसे धीरे-धीरे उस मुकाम तक ले जाते हैं जहां उसकी पहचान एक बाहुबली के तौर पर होती है। हालांकि, ताकत पाने की इस होड़ में समाज और कानून उसे अपराधी करार दे देते हैं। अब सवाल ये है कि क्या दीपक अपने सपनों को पूरा कर पाता है या बाहुबली बनने की ये राह उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा जुआ साबित होती है?
फिल्म कैसी है?
‘मालिक’ की कहानी भले ही कई जगह आपको प्रेडिक्टेबल लगे, लेकिन राजकुमार राव की एक्टिंग और पुलकित का निर्देशन इसे दिलचस्प बनाए रखते हैं। फिल्म में 90 के दशक के उत्तर प्रदेश की हिंसा और सत्ता के खेल को बेहद ईमानदारी से दिखाया गया है।
निर्देशन
पुलकित का निर्देशन काबिले तारीफ है। उन्होंने हिंसा को सिर्फ दिखावे के लिए नहीं बल्कि कहानी का हिस्सा बनाकर पेश किया है। फिल्म की ओपनिंग ही इतनी शॉकिंग है कि दर्शक तुरंत कहानी से जुड़ जाते हैं। कुछ जगह सिनेमैटोग्राफी और शॉट्स को और बेहतर बनाया जा सकता था, लेकिन इसके बावजूद फिल्म का टोन और ट्रीटमेंट दमदार है।
एक्टिंग
राजकुमार राव एक बार फिर साबित करते हैं कि वो क्यों बेहतरीन एक्टर हैं। दीपक के किरदार में उनका स्वैग, एक्सप्रेशन और बॉडी लैंग्वेज शानदार है। वो हर सीन में जान डाल देते हैं। सौरभ शुक्ला, स्वानंद किरकिरे और अंशुमान पुष्कर ने भी अपनी भूमिकाओं से फिल्म में चार चांद लगा दिए। प्रोसेनजीत चटर्जी हमेशा की तरह अपने रोल में परफेक्ट हैं।
हालांकि मानुषी छिल्लर अपने किरदार में उतनी प्रभावी नहीं लगतीं। गैंगस्टर की पत्नी के रोल में उनकी परफॉर्मेंस थोड़ी सपाट रही। उनके एक्सप्रेशंस और डायलॉग डिलीवरी में और पैनापन होना चाहिए था।
देखें या नहीं?
‘मालिक’ एक ऐसी फिल्म है जो अपनी कमियों के बावजूद असर छोड़ती है। राजकुमार राव की दमदार एक्टिंग और पुलकित का निर्देशन इसे देखने लायक बनाते हैं। कहानी भले ही नई न हो, लेकिन ट्रीटमेंट फ्रेश लगता है। अगर आपको 90 के दशक का देसी गैंगस्टर ड्रामा पसंद है और आप इस वीकेंड कुछ अलग देखना चाहते हैं, तो ‘मालिक’ जरूर देखें।