
मधुमेह ने अब अपने पसरने शुरू कर दिए हैं।हजारों लोग आज डायबिटीज के शिकार हो चुके हैं। लेकिन इन मरीजों को जानकारी ही नहीं है कि क्या उन्हें सच में डायबिटीज है यानहीं?? तो इसे जानने का तरीका है पूर्ण जांचकराना:
Written By: Pragya Jha, National Khabar
आज के समय में “डायबिटीज” शब्द इतना आम हो गया है कि बच्चा-बच्चा इसे सुनते ही समझ जाता है कि बात ‘शुगर’ की हो रही है। पर जो बात अब तक आम लोगों से छुपी रही है, वो है – डायबिटीज की अधूरी जांच और अधूरी जानकारी, जिसके कारण लाखों लोग ज़रूरी सावधानियों से वंचित रह जाते हैं।
जिन्हें हम ‘कम्प्लीट डायबिटीज टेस्ट’ समझते हैं — जैसे Fasting Sugar, Post Meal Sugar और HbA1c — दरअसल, ये सिर्फ आधा सच बताते हैं। शोधकर्ता एस. कुमार के मुताबिक, डायबिटीज की 6 अहम जांचें होती हैं, लेकिन आज भी 90% मरीज सिर्फ 3 जांचों पर भरोसा कर रहे हैं।
तो बाकी की 3 जांच कौन सी हैं?
- C-Peptide Test – ये बताता है कि शरीर कितनी इंसुलिन बना रहा है।
- Beta Cell Function Test – ये जांच शरीर के पैंक्रियाज की असल क्षमता को सामने लाता है।
- Insulin Resistance Test – ये समझने में मदद करता है कि शरीर इंसुलिन के प्रति कितना संवेदनशील या प्रतिरोधी है।
इन जांचों से डॉक्टर यह तय कर सकते हैं कि आपको केवल डाइट कंट्रोल की ज़रूरत है, या फिर दवा या इंसुलिन थेरेपी की। जांच अधूरी होगी तो इलाज भी अधूरा होगा। यही कारण है कि कई मरीज सालों दवा लेने के बाद भी मीठा खाने से डरते हैं।
मीठा खाने का सपना अब पूरा हो सकता है!
अब बात करते हैं उस सबसे बड़े सवाल की, जो हर डायबिटिक मरीज के मन में होता है – “क्या हम मीठा खा सकते हैं?”
जवाब है – हाँ, लेकिन शर्तों के साथ।
डॉक्टर अक्सर मरीजों को मीठा छोड़ने की सलाह देते हैं। कुछ फल भी मना कर दिए जाते हैं, क्योंकि उनमें फ्रुक्टोज़ होता है, जो शरीर में ग्लूकोज की तरह ही काम करता है। लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि सही जांच और व्यक्तिगत इलाज किया जाए, तो इंसुलिन उत्पादन को दोबारा सक्रिय किया जा सकता है — और फिर मीठा भी खाया जा सकता है, नियम और संतुलन के साथ।
लेकिन कैसे? - पहले पूर्ण जांच कराएं — सिर्फ HbA1c या फास्टिंग शुगर से काम नहीं चलेगा।
- उसके बाद किसी एक्सपर्ट डॉक्टर से व्यक्तिगत रिपोर्ट के आधार पर थैरेपी या दवा लें।
- साथ ही डाइट में कम Glycemic Index वाले फलों जैसे जामुन, अमरूद, पपीता को शामिल करें।
- और सबसे जरूरी – मीठा खाने से पहले और बाद में ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग जरूर करें।
आइए जानते हैं एस कुमार के बारे में
डॉ. एस कुमार Appropriate Diet Therapy Centre के संस्थापक हैं।। डॉ. एस कुमार पीएचडी होल्डर होने के साथ-साथसाथ “डॉक्ट्रेट ऑफ लिटरेचर” की डिग्री रसियन यूनिवर्सिटी से प्राप्त कर चुके हैं, साथ ही 3 बार गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं।। डायबिटीज की दुनिया में शोध करने के लिए उन्हें फ्रांस की सीनेट में भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं, डॉ. एस कुमार को लंदन की 200 साल पुरानी पार्लियामेंट में डायबिटीज पर शोध के लिए बेस्ट साइंटिस्ट के अवार्ड से भी नवाजा गया है।
डॉ. एस कुमार अभी तक कई किताबें भी लिख चुके हैं, जिनमें से एक पुस्तक को राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में स्थान भी दिया गया है। भारत में Appropriate Diet Therapy Centre की 56 से अधिक शाखाएं संचालित हैं। यदि आप भी संपर्क करना चाहते हैं तो दिए गए नंबर पर कॉल करें:: +91 9372166486