
डायबिटीज क्या सच में है या ये एक ग़लतफहमी है। डायबिटीज को कई नामों से जाना जा सकता है मधुमेह, High Blood sugar,
Written By: Pragya Jha, National Khabar
भारत आज तेजी से डायबिटीज की राजधानी बनता जा रहा है। हर दिन नए मरीज सामने आ रहे हैं, इलाज के नाम पर इंसुलिन और दवाइयाँ दी जा रही हैं, और लोगों को सख्त डाइट फॉलो करने की सलाह दी जा रही है। लेकिन इस सबके बीच एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है—डायबिटीज है ही नहीं, तो इलाज किस चीज का किया जा रहा है?
कुछ शोधकर्ताओं और मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज कोई बीमारी है ही नहीं। जी हाँ, ये चौंकाने वाला दावा किया है डॉ. एस. कुमार ने, जिनके पास डायबिटीज पर 45 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उनका कहना है कि लोग जिसे डायबिटीज या शुगर कहते हैं, वो असल में दो अलग-अलग चीजें हैं, जिन्हें एक मानकर इलाज किया जा रहा है।
क्या डायबिटीज का ट्रीटमेंट जरूरी है?
डॉ. कुमार के अनुसार, मधुमेह से जुड़ी जो जांचें आज की जा रही हैं, वे अधूरी हैं और इन अधूरी रिपोर्ट्स के आधार पर मरीजों को जीवन भर की दवा और इंसुलिन पर डाल दिया जाता है। वे कहते हैं कि बिना किसी दवा और बिना इंसुलिन के भी डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है, अगर इसके मूल कारण को समझा जाए।
उन्होंने यह भी जोर दिया कि डायबिटीज के मरीज जिस “ब्लड शुगर” को बीमारी समझते हैं, असल में वो शरीर की एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है, जिसे सही खानपान और जीवनशैली से संतुलित किया जा सकता है।
डाइट का डायबिटीज से क्या है रिश्ता?
डायबिटीज के मरीजों को अक्सर एक सख्त डाइट प्लान दिया जाता है—जैसे चीनी से परहेज़, कार्बोहाइड्रेट कम करना, और फाइबर व प्रोटीन बढ़ाना। लेकिन ज़रूरी ये भी है कि मरीज इस डाइट के पीछे के विज्ञान को भी समझें। शोधों में पाया गया है कि कुछ खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाते हैं, जबकि कुछ उन्हें धीरे-धीरे रिलीज करते हैं, जिससे शरीर को समय मिलता है शुगर को प्रोसेस करने का। यही वजह है कि डॉक्टर अक्सर लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले फूड्स की सलाह देते हैं। डॉ. कुमार के मुताबिक, अगर व्यक्ति अपनी डाइट, शारीरिक गतिविधियों और मानसिक स्थिति को संतुलित रखे, तो दवाओं की जरूरत शायद ही पड़े।
फिर असली सवाल क्या है?
असल सवाल यह है कि — क्या हमें डायबिटीज को समझने की नई परिभाषा गढ़ने की जरूरत है? क्या ये समय नहीं आ गया है जब हम सिर्फ इलाज के बजाय कारण को समझें और उसे जड़ से ठीक करें? भारत में डायबिटीज एक महामारी का रूप ले चुकी है, यदि विशेषज्ञों की बातें गंभीरता से ली जाएँ, तो शायद यह महामारी नहीं, बल्कि एक जीवनशैली से जुड़ी चेतावनी है। इस चेतावनी को ध्यान में रखकर हमें आगे सावधानी बरतनी होगी। ऐसे कई मरीज हैं जो इस बारे में नहीं जानते हैं और सालों से डायबिटीज के शिकार हैं उन मरीजों की बातें जानने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें।
आइए जानते हैं एस कुमार के बारे में
डॉ. एस कुमार Appropriate Diet Therapy Centre के संस्थापक हैं।। डॉ. एस कुमार पीएचडी होल्डर होने के साथ-साथसाथ “डॉक्ट्रेट ऑफ लिटरेचर” की डिग्री रसियन यूनिवर्सिटी से प्राप्त कर चुके हैं, साथ ही 3 बार गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं।। डायबिटीज की दुनिया में शोध करने के लिए उन्हें फ्रांस की सीनेट में भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं, डॉ. एस कुमार को लंदन की 200 साल पुरानी पार्लियामेंट में डायबिटीज पर शोध के लिए बेस्ट साइंटिस्ट के अवार्ड से भी नवाजा गया है।
डॉ. एस कुमार अभी तक कई किताबें भी लिख चुके हैं, जिनमें से एक पुस्तक को राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में स्थान भी दिया गया है। भारत में Appropriate Diet Therapy Centre की 56 से अधिक शाखाएं संचालित हैं। यदि आप भी संपर्क करना चाहते हैं तो दिए गए नंबर पर कॉल करें:: +91 9372166486