Mood Swings: बार-बार मूड खराब क्यों होता है? जानिए इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण

Mood Swings: जानिए क्यों मूड होता है ख़राब क्यों आप चिड़चिड़ा महसूस करते हैं ? कभी-कभी तो बिना किसी बात के ही मूड ख़राब हो जाता है निचे दिए गए लेख में जानिए इसका कारण।

Written by Himanshi Prakash , National Khabar

आजकल की तेज़ रफ्तार और भागदौड़ भरी ज़िंदगी में तनाव और मूड स्विंग्स आम समस्या बन गई हैं, जिनके चलते अक्सर चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक और भावनात्मक कारण हो सकते हैं।

काम का दबाव, आर्थिक परेशानियां, रिश्तों में तनाव, ब्रेकअप्स या पारिवारिक कलह जैसे हालात व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं, जिससे स्ट्रेस बढ़ता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनका मूड बार-बार और अचानक बदलता है—इसे ही मूड स्विंग्स कहा जाता है। ऐसे समय में व्यक्ति खुद भी यह नहीं समझ पाता कि उसके साथ क्या हो रहा है और क्यों वह अचानक चिड़चिड़ा या उदास महसूस कर रहा है।

इन समस्याओं से निपटने के लिए यह जरूरी है कि आप अपनी जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव करें और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
कभी-कभी आपका मन होता है कि किसी से बात करें, लेकिन अगले ही पल आप सबसे दूर रहना चाहते हैं। कभी बिना वजह गुस्सा आने लगता है, तो कभी आप बेहद नरम और प्यार से पेश आते हैं। ऐसी स्थितियों को अधिकतर लोग समझ नहीं पाते, और अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं।

लेकिन यह जानना जरूरी है कि हमारे व्यवहार या मूड में होने वाले हर बदलाव के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण जरूर होता है। अगर आप भी अब तक यह नहीं समझ पाए हैं कि आपका मूड अचानक क्यों बिगड़ जाता है या बार-बार बदलता है, तो यह लेख आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
दरअसल, मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं को बेहतर तरीके से समझने के लिए हमने फोर्टिस हॉस्पिटल, फरीदाबाद के न्यूरोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. विनीत बांगा से विस्तार से बातचीत की। उन्होंने मूड बिगड़ने के पीछे कई वैज्ञानिक कारण बताए हैं।

मूड खराब होने के प्रमुख कारण

सेरोटोनिन और डोपामाइन का असंतुलन:
सेरोटोनिन और डोपामाइन को दिमाग के ‘फील-गुड’ हार्मोन कहा जाता है। जब इनका स्तर शरीर में संतुलित नहीं रहता, तो व्यक्ति का मूड नेगेटिव होने लगता है। तनाव, नींद की कमी और गलत खानपान जैसे कारक इन हार्मोन्स के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे चिड़चिड़ापन और उदासी महसूस होने लगती है।

मूड बिगड़ने के अन्य वैज्ञानिक कारण

  1. नींद की कमी:
    जब हमें पर्याप्त और अच्छी नींद नहीं मिलती, तो हमारा दिमाग पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता। लगातार एक्टिव रहने के कारण मानसिक थकान बढ़ती है, जिससे चिड़चिड़ापन, थकान और गुस्सा आना आम हो जाता है।
  2. हार्मोनल बदलाव:
    महिलाओं में मूड स्विंग्स का एक प्रमुख कारण हार्मोनल बदलाव होता है। पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के दौरान शरीर में हार्मोन का स्तर बदलता है, जिससे मूड अस्थिर हो सकता है और भावनात्मक उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं।
  3. खराब खानपान:
    ज्यादा शुगर, प्रोसेस्ड फूड या कैफीन का सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल तेजी से ऊपर-नीचे होता है। यह उतार-चढ़ाव सीधे हमारे मूड को प्रभावित करता है और व्यक्ति चिड़चिड़ा या उदास महसूस करने लगता है।

अन्य कारण जो मूड को कर सकते हैं प्रभावित

  1. विटामिन D की कमी:
    अगर आप रोज़ाना पर्याप्त धूप नहीं लेते हैं, तो शरीर में विटामिन D का स्तर घट सकता है। इससे दिमाग में सेरोटोनिन का उत्पादन कम हो जाता है, जो डिप्रेशन जैसी भावनाओं को जन्म देता है और लगातार मूड खराब रहने लगता है।
  2. चिंता और तनाव:
    जब आप बार-बार चिंता करते हैं या तनाव में रहते हैं, तो शरीर में कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह हार्मोन दिमाग को थका देता है, जिससे व्यक्ति थकान, चिड़चिड़ापन और उदासी महसूस करता है।

मूड को बेहतर बनाने के लिए क्या करें?

  1. रोज़ कुछ समय सूरज की रोशनी में बिताएं।
  2. नियमित रूप से योग और ध्यान करें।
  3. हल्का-फुल्का व्यायाम या टहलना शामिल करें।
  4. संतुलित और पोषणयुक्त डाइट लें।
  5. दोस्तों या अपने करीबी लोगों से बातचीत करें।
  6. मनपसंद संगीत सुनें।
  7. पर्याप्त और अच्छी नींद लें।

इन आसान उपायों को अपनाकर आप अपने मूड को बेहतर बना सकते हैं और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या या उपचार से पहले कृपया अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। नेशनल खबर इस जानकारी की पूर्ण सत्यता, सटीकता या प्रभाव के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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