
लोकप्रिय अभिनेत्री शेफाली जरीवाला का 42 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के चलते दुखद निधन हो गया। कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर स्थिति है, जिसमें दिल की धड़कनें अचानक बंद हो जाती हैं।
जिससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है और समय पर उपचार न मिलने पर मृत्यु भी हो सकती है। इस स्थिति के प्रमुख जोखिम कारकों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज और हार्ट अटैक का इतिहास शामिल है। हालांकि कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक दो अलग-अलग स्थितियाँ हैं, लेकिन दोनों ही अत्यंत गंभीर और जानलेवा हो सकती हैं।
Written by Himanshi Prakash , National Khabar
एक वक्त था जब ‘कांटा लगा हाय लगा’ गाना हर गली-नुक्कड़ पर सुनाई देता था और इसी गाने से शेफाली जरीवाला घर-घर में पहचानी जाने लगी थीं। अपनी खास अदाओं और अंदाज से उन्होंने लाखों दिलों को जीता था। अब बॉलीवुड से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है—अभिनेत्री शेफाली जरीवाला का 42 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उनकी मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है।
हालांकि शेफाली जरीवाला की मौत कार्डियक अरेस्ट से होना कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई नामी एक्टर्स इस खतरनाक स्थिति की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि कार्डियक अरेस्ट आखिर कितना गंभीर होता है और इसके जोखिम कारक (रिस्क फैक्टर्स) क्या हैं।
अक्सर लोगों को लगता है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट एक ही बात है, जबकि सच्चाई यह है कि दोनों अलग-अलग मेडिकल कंडीशन हैं। आज के इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि कार्डियक अरेस्ट क्या होता है, यह क्यों होता है और हार्ट अटैक से इसका क्या फर्क है। आइए समझते हैं पूरी जानकारी।
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है जब दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है। ऐसे में दिल शरीर के अंगों तक खून पंप करना बंद कर देता है, जिससे कुछ ही मिनटों में व्यक्ति बेहोश हो सकता है और उसकी सांसें भी थम सकती हैं। अगर इस हालत में तुरंत सीपीआर अगर समय रहते सीपीआर (CPR) न दिया जाए या डिफिब्रिलेटर से इलेक्ट्रिक शॉक न लगाया जाए, तो मरीज की जान बचा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
कार्डियक अरेस्ट के जोखिम क्या हैं?
Cleveland Clinic के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट के पीछे कई कारण और जोखिम कारक हो सकते हैं:
कोरोनरी आर्टरी डिजीज: जब दिल की धमनियों में ब्लॉकेज या अवरोध उत्पन्न हो जाता है।
- पिछला हार्ट अटैक: जिन्हें पहले हार्ट अटैक आ चुका हो, उनमें कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है।
- दिल की मांसपेशियों की बीमारी (कार्डियोमायोपैथी)
- उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल लेवल का अधिक होना
- जन्मजात हृदय संबंधी समस्याएं
- करंट लगना या इलेक्ट्रिकल शॉक
- ड्रग्स या अत्यधिक शराब का सेवन
- पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की कमी
8 . अत्यधिक तनाव या डर
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में फर्क ?
कार्डियक अरेस्ट: इसमें दिल की धड़कन अचानक बंद हो जाती है। व्यक्ति बेहोश हो सकता है, सांस लेना बंद कर सकता है और तत्काल इलाज न मिले तो मौत भी हो सकती है।
हार्ट अटैक: तब होता है जब दिल की मांसपेशियों को खून नहीं मिल पाता, आमतौर पर ब्लड क्लॉट या ब्लॉकेज के कारण। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, पसीना आना, सांस फूलना और बेचैनी शामिल हैं।
कार्डियक अरेस्ट कितना खतरनाक है?
कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है। ज्यादातर मामलों में अगर तुरंत इलाज न मिले तो रोगी अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देता है। शेफाली जरीवाला के केस में भी ऐसा ही हुआ।
हालांकि, यदि शुरुआती 3 से 5 मिनट के भीतर CPR और डिफिब्रिलेटर का उपयोग** कर लिया जाए, तो जान बचाई जा सकती है।
बचाव के उपाय क्या हैं?
- समय-समय पर दिल की जांच करवाएं
- हाई ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखें
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं
- संतुलित और पौष्टिक आहार लें
- नियमित रूप से व्यायाम करें