
दुष्कर्म के आरोपों में घिरे क्रिकेटर यश दयाल ने अब अपनी महिला मित्र के खिलाफ खुल्दाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने महिला पर लैपटॉप और मोबाइल चोरी करने के साथ-साथ खुदकुशी की धमकी देने का भी आरोप लगाया। यश दयाल का कहना है कि उस पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और उसे आठ लाख रुपये लौटाने से बचने के लिए फंसाया जा रहा है।
Written by Himanshi Prakash, National Khabar
दुष्कर्म के मामले में घिरे क्रिकेटर यश दयाल ने अब प्रतापगढ़ निवासी अपनी महिला मित्र समेत अन्य के खिलाफ खुल्दाबाद थाने में तहरीर दी है। यश दयाल ने आरोप लगाया कि उनसे आठ लाख रुपये की बकाया रकम मांगने पर महिला उन्हें खुदकुशी कर फंसाने की धमकी दे रही है। साथ ही, युवती पर मोबाइल, लैपटॉप और अन्य सामान चोरी करने का भी आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
यश दयाल ने लगाए गंभीर आरोप
यश दयाल ने अपनी तहरीर में दावा किया कि उन्हें अचानक सोशल मीडिया के जरिए पता चला कि वही युवती उनके खिलाफ गाजियाबाद में शिकायत दर्ज करवा चुकी है। उनका आरोप है कि युवती अपने तीन साथियों और 5–10 अज्ञात लोगों के साथ मिलकर एक गैंग की तरह काम कर रही है और सीधे-सादे लोगों को फंसाकर उनसे अवैध वसूली कर रही है।
उधार के आठ लाख रुपये मांगने पर झूठी शिकायत का आरोप
यश दयाल का कहना है कि युवती ने मुलाकात के बहाने उनका लैपटॉप, आईफोन और अन्य सामान भी चुरा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि युवती ने उनसे करीब आठ लाख रुपये उधार लिए थे और जब उन्होंने बकाया रकम वापस मांगी, तो उनके खिलाफ गाजियाबाद में झूठी शिकायत दर्ज करा दी।
इतना ही नहीं, यश दयाल ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने पैसे वापस मांगे तो युवती ने उन्हें धमकाया कि अगर उन्होंने उससे शादी नहीं की तो वह आत्महत्या कर लेगी। इसके अलावा, उनके माता-पिता को भी लगातार गालियां दी गईं और जान से मारने की धमकी तक दी गई।
साजिश के तहत फंसाने का आरोप
यश दयाल ने कहा कि लगातार मानसिक प्रताड़ना के चलते उन्हें इलाज कराना पड़ा और वह चिकित्सकीय निगरानी में रह रहे हैं। उनका आरोप है कि यह पूरी घटना एक साजिश के तहत उन्हें फंसाने और आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से रची गई।
मुख्यमंत्री पोर्टल पर की थी शिकायत, यश दयाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप
21 जून को इंदिरापुरम की एक युवती ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते हुए क्रिकेटर यश दयाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने सात जुलाई की रात यश दयाल के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया। युवती का आरोप है कि यश दयाल ने पांच साल तक रिश्ते में रखकर उसका यौन शोषण किया।
शादी का झांसा देकर किया शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न
मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर पीड़िता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स का सहारा लिया। पीड़िता का आरोप है कि क्रिकेटर ने शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया। पुलिस की ओर से नोटिस भेजे जाने के बावजूद जब यश दयाल ने अपना बयान दर्ज नहीं कराया, तो सात जुलाई की देर रात बीएनएस की धारा 69 के तहत उनके खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
ढाई साल में कई लड़कियों से बनाए संबंध: पीड़िता का आरोप
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह नवंबर-दिसंबर 2020 से यश दयाल को जानती हैं। दोनों की पहली बातचीत सोशल मीडिया पर हुई और पहली मुलाकात प्रयागराज में हुई। पीड़िता का कहना है कि उनकी यश से करीब पांच साल पुरानी दोस्ती है, लेकिन इस दौरान यश ने ढाई साल में कई अन्य लड़कियों से भी संबंध बनाए।
शादी का वादा कर उम्मीदों में रखा, लेकिन बनाए कई रिश्ते: पीड़िता का आरोप
पीड़िता ने बताया कि वह कई बार यश दयाल के घर पर भी रुकी थीं। यश और उनका परिवार शादी का आश्वासन देकर उम्मीद दिलाता रहा। 2022 में जब यश गुजरात टाइटंस टीम का हिस्सा थे और टीम चैंपियन बनी थी, तब वह भी उनके परिवार के साथ फाइनल मैच के दौरान मौजूद थीं। शुरुआत में सब कुछ ठीक लग रहा था, लेकिन पिछले ढाई साल में यश ने कई और लड़कियों से भी रिश्ते बना लिए।
परिवार और दोस्तों ने किए कई सवाल, ईश्वर पर छोड़ा भरोसा: पीड़िता
पीड़िता ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि जब यह मुश्किलें उनके जीवन में आईं, तो यश दयाल के परिवार और दोस्तों ने उन्हें लेकर कई तरह की बातें कहीं। इस दौरान वह बेहद टूट गईं और आखिरकार सब कुछ ईश्वर के भरोसे छोड़ दिया।
अपराध साबित होने पर मिल सकती है 10 साल तक की सजा
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 69 के तहत शादी या नौकरी के झूठे वादे पर यौन संबंध बनाना अपराध माना जाता है। अगर कोर्ट में यह अपराध साबित हो जाता है तो आरोपी को अधिकतम 10 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है। यह प्रावधान खासतौर पर महिलाओं को शोषण से बचाने के लिए बनाया गया है, ताकि शादी के झूठे वादे के जरिए बनाए गए यौन संबंधों पर रोक लगाई जा सके।
गैर-जमानती और गैर-समझौता अपराध है बीएनएस की धारा 69 के तहत मामला
बीएनएस की धारा 69 के तहत दर्ज यह अपराध गैर-जमानती और गैर-समझौता योग्य माना जाता है। यानी अगर इस मामले में क्रिकेटर की गिरफ्तारी होती है, तो उन्हें आसानी से जमानत नहीं मिल सकेगी और न ही पीड़िता से समझौता कर मामला निपटाया जा सकेगा। हालांकि गिरफ्तारी से पहले पुलिस को नियमों के अनुसार पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत दर्ज कराना होगा। अगर पीड़िता अपने बयान में आरोपों को दोहराती है और स्पष्ट करती है, तभी पुलिस आगे गिरफ्तारी की कार्रवाई कर सकेगी।