
गुजरात के वडोदरा शहर में एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में बुधवार सुबह चार दशक पुराना एक पुल अचानक ढह गया, जिसमें एक नाबालिग सहित नौ लोगों की दर्दनाक मृत्यु हो गई।
Written by Himanshi Prakash, National Khabar
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस हादसे पर शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर गहरा दुख जताया और प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे की घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, बुधवार सुबह आणंद और पादरा को जोड़ने वाला पुल महिसागर नदी पर अचानक ढह गया। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसे के वक्त पुल से दो ट्रक, एक बोलेरो एसयूवी और एक पिकअप वैन गुजर रहे थे, जो सीधे नदी में जा गिरे। इस दुखद घटना में अब तक नौ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, वाहनों के नदी में गिरने से पहले पुल से तेज धमाके जैसी आवाज आई। इसके बाद फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस और वडोदरा जिला प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव अभियान शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने भी घायलों को मलबे से बाहर निकालने में मदद की। अब तक तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने वडोदरा पुल हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने मीडिया से कहा कि वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ने वाले इस दुखद हादसे में 9 लोगों की मौत हुई है, जबकि 9 अन्य को बचा लिया गया है। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर एक उच्च स्तरीय समिति भेजकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इस बीच, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी हादसे पर शोक जताया। उन्होंने कहा, “गुजरात में हुआ यह हादसा बेहद दुखद और पीड़ादायक है। लेकिन इस समय एक अहम सवाल भी उठता है—पिछले 30 वर्षों से सत्ता में बैठी बीजेपी बताए कि गुजरात में बार-बार ऐसे घटिया और जानलेवा पुल कैसे बन जाते हैं, जो भरभराकर गिर जाते हैं?”
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि यह पुल न केवल यातायात हादसों के लिहाज से खतरनाक था, बल्कि यहां कई बार आत्महत्या की घटनाएं भी हो चुकी थीं। उन्होंने कहा कि पुल की जर्जर हालत को लेकर कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन प्रशासन ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।