Yoga Day 2025: 3.19 लाख लोगों ने एक साथ किया योग

Yoga Day 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि योग, इंसान को पूरे विश्व के साथ एकता की ओर ले जाता है। आज जब दुनिया कई तरह के तनावों से जूझ रही है, तो मेरा वैश्विक समुदाय से आग्रह है कि इस योग दिवस को ‘मानवता के लिए योग 2.0’ की शुरुआत के रूप में अपनाएं, जहां आंतरिक शांति को वैश्विक नीति का हिस्सा बनाया जाए।

Written by: Himanshi Prakash, National Khabar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग किसी भी सीमा, पृष्ठभूमि, उम्र या शारीरिक क्षमता का मोहताज नहीं है। यह मानवता को स्वास्थ्य, संतुलन और जागरूकता से जोड़ने वाला एक अनमोल उपहार है। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि हम विशाखापत्तनम जैसे शहर में एकत्र हुए हैं, जो प्रकृति और प्रगति का सुंदर संगम है।”


पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश में इस भव्य आयोजन के लिए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण को प्रेरणादायक नेतृत्व के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश ने योग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सराहनीय पहल की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें मिलकर योग को एक जन आंदोलन का रूप देना चाहिए—एक ऐसा आंदोलन जो दुनिया को शांति, स्वास्थ्य और सामंजस्य की ओर ले जाए। उन्होंने अपील की कि हर व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत योग से करे ताकि जीवन में संतुलन और स्थिरता आए। हर समाज योग को अपनाए ताकि तनावमुक्त वातावरण बने। योग मानवता को जोड़ने का सेतु बने और “वन अर्थ, वन हेल्थ” का संदेश एक वैश्विक संकल्प में बदल जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग इंसान को विश्व के साथ एकता की दिशा में ले जाने वाली यात्रा है। आज जब दुनिया कई तरह के तनावों से गुजर रही है, तो मेरा वैश्विक समुदाय से आग्रह है कि इस योग दिवस को ‘मानवता के लिए योग 2.0’ की शुरुआत के रूप में स्वीकार करें—जहां आंतरिक शांति को वैश्विक नीति का हिस्सा बनाया जाए।


उन्होंने कहा कि योग एक महान व्यक्तिगत अनुशासन है, जो व्यक्ति को ‘मैं’ से ‘हम’ की भावना की ओर ले जाता है। यह एक ऐसी प्रणाली है जो मानवता को ठहरकर सांस लेने, संतुलन साधने और स्वयं को फिर से पूर्ण बनाने का अवसर देती है—एक तरह का ‘विराम बटन’ जिसकी आज के समय में सबसे ज़्यादा जरूरत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की उस ऐतिहासिक पहल को याद किया, जब 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया गया था। उन्होंने कहा, “मुझे वह क्षण आज भी vividly याद है, जब भारत ने यह प्रस्ताव पेश किया और बहुत ही कम समय में 175 देश इसके समर्थन में आगे आए। यह एक असाधारण एकजुटता और वैश्विक समर्थन का प्रतीक था।”

पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि यह केवल एक औपचारिक प्रस्ताव नहीं था, बल्कि मानवता के कल्याण के लिए उठाया गया एक सामूहिक और सकारात्मक कदम था। यह पहल एक स्वस्थ, जागरूक और संतुलित विश्व की साझा सोच को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि आज यह गर्व की बात है कि योग दुनिया भर में लाखों लोगों की जीवनशैली का अहम हिस्सा बन चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग आज पृथ्वी के हर कोने तक पहुंच चुका है और स्वास्थ्य व शांति का वैश्विक प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा, “चाहे वो सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, हिमालय की ऊँचाइयाँ हों या समुद्र की गहराइयाँ—हर जगह से एक ही आवाज़ आती है: योग सबका है और सबके लिए है।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योग की वैश्विक स्वीकार्यता केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि यह मानव कल्याण के लिए एक सामूहिक प्रयास है।

पीएम मोदी ने योग दिवस पर दुनियाभर के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आज 21 जून को लगातार 11वीं बार पूरी दुनिया एक साथ योग कर रही है। योग का असली अर्थ ही है ‘जुड़ना’ और यह देखकर बेहद आनंद होता है कि किस तरह योग ने पूरे विश्व को एक सूत्र में बांध दिया है।”

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया और योग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि इससे कहीं अधिक गहरा अर्थ जुड़ा हुआ है। यह आत्मचिंतन और ध्यान जैसी प्रथाओं के माध्यम से हमारी आंतरिक चेतना से जुड़ने का एक मार्ग है।

नड्डा ने कहा कि ‘योग’ शब्द का अर्थ ही है ‘एकता’—यह शरीर, मन और आत्मा के मिलन का प्रतीक है। योग केवल एक शारीरिक अनुशासन नहीं, बल्कि एक गहन मानसिक और आध्यात्मिक साधना भी है। उन्होंने याद दिलाया कि दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था।
उन्होंने कहा कि बीते एक दशक में हमने यह स्पष्ट रूप से देखा है कि विश्वभर में योग को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के एक सशक्त साधन के रूप में अपनाया गया है।

देश और दुनिया भर में मनाए जा रहे 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रखी गई थी। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में यह आयोजन बेहद भव्य तरीके से हुआ, जहां आरके बीच से लेकर भोगापुरम तक फैले 26 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में एक साथ 3.19 लाख से अधिक लोगों ने योगाभ्यास किया।

इस विशाल आयोजन के सुचारू संचालन के लिए 1,000 लोगों की क्षमता वाले 326 कम्पार्टमेंट बनाए गए। प्रतिभागियों के लिए 3.32 लाख टी-शर्ट और योगाभ्यास हेतु 5 लाख चटाइयों की व्यवस्था की गई थी, जिससे यह कार्यक्रम विश्व स्तर पर एक रिकॉर्ड़ बनाने की दिशा में एक अनूठा प्रयास बन गया।

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