
सावन में बेलपत्र तोड़ने के नियमों के अनुसार, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या जैसी तिथियों पर बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। शिवलिंग पर बेलपत्र हमेशा उल्टा (जिस ओर चिकनी सतह हो, वह ऊपर की ओर रहे) अर्पित करना चाहिए और इस दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
धर्म डेस्क | National Khabar
सावन में बेलपत्र तोड़ने और चढ़ाने के नियम: भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सही तरीका
भगवान शिव का प्रिय सावन माह इस साल 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। भक्त पूरे महीने व्रत, उपवास और पूजा कर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और शमी अर्पित करते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेलपत्र चढ़ाने के भी कुछ विशेष नियम होते हैं? यदि इन नियमों का पालन न किया जाए तो इसका विपरीत असर भी हो सकता है। आइए जानते हैं सावन में बेलपत्र तोड़ने और अर्पित करने के सही नियम और उनका महत्व।
सावन में बेलपत्र तोड़ने के नियम:
ज्योतिष और शास्त्रों के अनुसार, बेलपत्र तोड़ने के भी कुछ दिन और तरीके तय किए गए हैं।
चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या की तिथियों पर बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए।
अगर संभव हो तो संक्रांति और सोमवार को भी बेलपत्र न तोड़ें।
यदि इन दिनों बेलपत्र चढ़ाना हो तो एक दिन पहले तोड़कर रख लें।
बेलपत्र तोड़ते समय हमेशा वृक्ष को प्रणाम करें और पत्तों को चुन-चुनकर तोड़ें, टहनी या शाखा को क्षति न पहुंचाएं।
क्या पहले से चढ़ाया हुआ बेलपत्र दोबारा चढ़ा सकते हैं?
यदि नया बेलपत्र न मिल पाए तो शास्त्रों के अनुसार मंदिर में अर्पित बेलपत्र को धोकर दोबारा उपयोग में लिया जा सकता है। ध्यान रखें कि बेलपत्र तोड़ने से पहले और बाद में पेड़ को प्रणाम करना न भूलें।
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के नियम:
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें:
बेलपत्र को उल्टा रखें, यानी उसका चिकना भाग शिवलिंग को स्पर्श करे।
बेलपत्र को अनामिका, मध्यमा और अंगूठे से उठाकर चढ़ाएं।
ऐसे बेलपत्र न चढ़ाएं जिन पर चक्र या वज्र का निशान हो।
जिन बेलपत्रों पर तीन से ग्यारह दल (पत्तियां) हों, उन्हें विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
बेलपत्र चढ़ाते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते रहें।
बेलपत्र का महत्व:
शिवपुराण के अनुसार, सावन सोमवार को बेलपत्र अर्पित करने से करोड़ों कन्यादानों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।
बेलपत्र से दरिद्रता दूर होती है और सौभाग्य बढ़ता है।
भगवान शिव के साथ-साथ उनके अवतार हनुमान जी भी बेलपत्र से प्रसन्न होते हैं।
घर में बेलवृक्ष होना पापों को दूर करने वाला माना गया है और जहां बेलवृक्ष होता है, वह स्थान काशी के समान पवित्र माना जाता है।
इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।