रुद्राक्ष पहनने से पहले जान लें ये 7 नियम, वरना नहीं मिलेगा पूरा फल!

रुद्राक्ष पहनना केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि जीवन को सकारात्मक दिशा देने का एक शक्तिशाली माध्यम भी है। सही नियमों के साथ इसे धारण करने पर यह आपके जीवन में अद्भुत परिवर्तन ला सकता है।

धर्म डेस्क | National Khabar

जैसे ही रुद्राक्ष का नाम लिया जाता है, मन में स्वतः ही भगवान शिव की छवि उभर आती है। रुद्राक्ष केवल एक धार्मिक माला या आभूषण नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। मान्यता है कि इसे धारण करने से मन शांत होता है, सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। हालांकि, रुद्राक्ष पहनने के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। यदि इन्हें अनदेखा किया जाए, तो इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। इस लेख में जानिए रुद्राक्ष पहनने के जरूरी नियम और इसके अद्भुत लाभ।

रुद्राक्ष पहनने के नियम:

  1. शुद्धिकरण करें
    रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसे गंगाजल या स्वच्छ पानी से अच्छी तरह धोकर शुद्ध करना चाहिए। यह प्रक्रिया नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर इसे पवित्र और ऊर्जावान बनाती है।
  2. सही धागा चुनें
    रुद्राक्ष को लाल या पीले रंग के सूती धागे में धारण करना सबसे शुभ माना जाता है। हालांकि कुछ लोग इसे चांदी या तांबे की चेन में भी पहनते हैं, लेकिन पारंपरिक रूप से धागा अधिक पवित्र माना जाता है।
  3. मंत्र का जाप करें
    रुद्राक्ष धारण करने से पहले “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ रुद्राय नमः” मंत्र का कम से कम 9 बार जाप करें। यह मंत्र रुद्राक्ष में सकारात्मक ऊर्जा भर देता है।
  4. महिलाओं के लिए विशेष नियम
    मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। इस समय शरीर और ऊर्जा का संतुलन अलग होता है, इसलिए इसे उतार देना चाहिए।
  5. साफ-सफाई का ध्यान रखें
    रुद्राक्ष को नियमित रूप से साफ करते रहें। अगर धागा घिस जाए या गंदा हो जाए, तो उसे बदलें और रुद्राक्ष को दोबारा गंगाजल से धोकर धारण करें।
  6. सदाचार का पालन करें
    रुद्राक्ष पहनने वाले को संयमित और शुद्ध जीवन जीना चाहिए। मांस, शराब और अपवित्र विचारों से दूर रहना जरूरी है।
  7. किसी को न दें और न ही बार-बार उतारें
    रुद्राक्ष को एक बार पहनने के बाद बिना किसी कारण उतारना नहीं चाहिए और न ही इसे किसी और को देना चाहिए।

रुद्राक्ष पहनने के 7 प्रमुख लाभ:

इस खबर में दी गई जानकारियाँ धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित हैं। नेशनल ख़बर इनकी पुष्टि नहीं करता।

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