
सावन सोमवार 2025: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र समय होता है, जिसे श्रावण मास के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान रखे जाने वाले सावन सोमवार व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति से करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
धर्म डेस्क | National Khabar
भगवान शिव को समर्पित सावन माह, जिसे श्रावण मास भी कहा जाता है, अत्यंत पावन और विशेष माना जाता है। यह महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है क्योंकि प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक हर दिन शिव का वास माना जाता है।
इस पूरे मास में सावन के सोमवार व्रत का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा से रखने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के संकट दूर हो जाते हैं। भक्त इस दौरान महादेव की शरण में जाकर उनका जलाभिषेक करते हैं, क्योंकि सावन में भगवान शिव सृष्टि के पालक और संहारक दोनों रूपों में सक्रिय रहते हैं।
ऐसा भी कहा गया है कि यदि आप केवल एक लोटा जल से भी शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, तो आपके समस्त दुख दूर हो सकते हैं।
सावन सोमवार का दिन तो इस दृष्टि से और भी अधिक फलदायी माना जाता है।
तो आइए जानें –
सावन सोमवार व्रत की शुरुआत कब से हो रही है?
श्रावण मास की तिथि और शिव जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त क्या है?
सावन माह का प्रारंभ 2025
दृक पंचांग के अनुसार इस वर्ष सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई, शुक्रवार से मानी जाएगी।
दरअसल, सावन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 11 जुलाई को तड़के 2 बजकर 6 मिनट पर होगा और इसका समापन 12 जुलाई को तड़के 2 बजकर 8 मिनट पर होगा।
चूंकि हिंदू पंचांग में व्रत और पर्व उदयातिथि के आधार पर माने जाते हैं, इसलिए सावन माह का पहला दिन 11 जुलाई, शुक्रवार को ही माना जाएगा।
सावन माह का समापन 2025
सावन की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और इसका समापन पूर्णिमा के दिन होता है। इसी अनुसार, इस बार श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा।
इस बार सावन माह में कुल 4 सोमवार व्रत पड़ने वाले हैं। जो श्रद्धालु सोमवार व्रत की शुरुआत करना चाहते हैं, वे पहले सावन सोमवार से ही व्रत आरंभ करें।
यदि आपकी कोई विशेष मनोकामना है और आप उसे पूर्ण करने के लिए व्रत करना चाहते हैं, तो सावन के पहले सोमवार से व्रत शुरू करना सबसे शुभ माना जाता है।
हालांकि इस बार सावन में केवल 4 सोमवार ही आ रहे हैं, लेकिन आप चाहें तो इन 4 व्रतों के बाद एक अतिरिक्त सोमवार को और व्रत रख सकते हैं, जिससे 5 सोमवार व्रत पूरे हो जाएं।
परंपरागत रूप से सोमवार व्रत की संपूर्ण श्रृंखला 16 सोमवार तक मानी जाती है, जिसे करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इस वर्ष सावन में सोमवार व्रत की तिथियां इस प्रकार हैं:
- पहला सोमवार व्रत — 14 जुलाई 2025
- दूसरा सोमवार व्रत — 21 जुलाई 2025
- तीसरा सोमवार व्रत — 28 जुलाई 2025
- चौथा सोमवार व्रत — 4 अगस्त 2025
सावन सोमवार व्रत 2025 जलाभिषेक समय
सावन सोमवार के दिन सुबह होते ही शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है।
इस दिन भक्त ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करते हैं। इसके बाद एक साफ लोटे में गंगाजल या शुद्ध जल लेकर उसमें गाय का दूध, बेलपत्र, और फूल डालते हैं।
फिर श्रद्धापूर्वक शिवलिंग पर जल अर्पित कर अभिषेक किया जाता है।
सावन सोमवार का जलाभिषेक सुबह से ही आरंभ हो जाता है, जो दिनभर चलता है और शिवभक्तों की भक्ति से माहौल शिवमय हो जाता है।
सावन सोमवार व्रत का महत्व
- अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए।
- कुंवारी कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी पाने हेतु।
- वैवाहिक जीवन की समस्याओं से मुक्ति के लिए।
- रोग, दोष और मानसिक क्लेश से राहत के लिए।
- उत्तम संतान प्राप्ति की कामना से।
- धन, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए।
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है।