
सावन के पवित्र महीने में शिवलिंग पर दूध से अभिषेक करने का विशेष महत्व माना जाता है। हालांकि, भोलेनाथ को पैकेट वाला दूध अर्पित करना उचित नहीं है। शास्त्रों में स्पष्ट बताया गया है कि भगवान शिव को केवल गाय का ताज़ा दूध ही चढ़ाना चाहिए।
धर्म डेस्क | नेशनल खबर
सावन का पावन महीना शुरू होते ही शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। यह महीना भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। भक्त पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित कर भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। शास्त्रों में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले सभी पदार्थ शुद्ध और सात्विक होने चाहिए।
कई बार लोग बाजार में रहने की वजह से केवल पैकेट वाला दूध ही इस्तेमाल कर लेते हैं। ऐसे में सवाल उठता है — क्या शिवलिंग पर पैकेट वाला दूध चढ़ाना सही है?
शास्त्रों के अनुसार, पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली हर सामग्री की शुद्धता बेहद जरूरी है। यह शुद्धता केवल बाहर से ही नहीं, बल्कि सात्विक गुणों के लिहाज से भी मायने रखती है। पैकेट का दूध अक्सर प्रोसेसिंग, प्रिजर्वेटिव्स और स्टोरेज की कई प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है, जिससे उसकी प्राकृतिकता और सात्विकता कम हो जाती है। इसलिए सावन में शिवलिंग पर ताज़ा, कच्चा और शुद्ध देसी गाय का दूध ही चढ़ाना सर्वोत्तम माना जाता है।
अगर आपके पास ताज़ा गाय का दूध न हो और केवल पैकेट वाला दूध ही उपलब्ध हो, तो भी कुछ सावधानियां जरूरी हैं। सबसे पहले दूध को अच्छी तरह उबाल लें और ठंडा होने के बाद ही शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस बात का ध्यान रखें कि दूध बासी, खट्टा या मिलावटी न हो।
पूजा में भक्ति और श्रद्धा तो सबसे अहम होती ही है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार सही और शुद्ध आचरण भी उतना ही जरूरी है। शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली वस्तुओं की पवित्रता ही पूजा को सफल और फलदायी बनाती है। इसलिए सावधानी बरतकर पूजा करें ताकि न केवल भोलेनाथ प्रसन्न हों, बल्कि हमारी परंपराओं का मान भी बना रहे।
इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।