Panchak July 2025: क्या है पंचक और क्यों होता है अशुभ? जानें नक्षत्रों का रहस्य

Panchak July 2025: जुलाई 2025 में पंचक की अवधि 13 जुलाई को शाम 6:53 बजे शुरू होकर 18 जुलाई को दोपहर 3:39 बजे तक रहेगी। इस समय को अशुभ माना जाता है और इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से परहेज़ करना चाहिए। पंचक के पांच नक्षत्र होते हैं — धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती — जिनके चलते यह काल विशेष रूप से संवेदनशील माना जाता है।

धर्म डेस्क | नेशनल खबर

Panchak in July 2025: क्यों माना जाता है अशुभ और क्या होता है इसका असर?

सनातन परंपरा में किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले शुभ मुहूर्त देखना बेहद अहम माना गया है ताकि परिश्रम का फल मंगलकारी मिले। ठीक इसी तरह, कुछ समय ऐसे भी होते हैं जिन्हें ज्योतिष में अशुभ कहा गया है। इन्हीं में से एक है पंचक, जिसे हर महीने आने वाला एक विशेष काल माना जाता है।

पंचक पांच दिनों की अवधि होती है, जब कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं — पंचक क्या है, इसे अशुभ क्यों माना जाता है, इसके नक्षत्र कौन-कौन से हैं और जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है। साथ ही जानें जुलाई 2025 के पंचक की तिथि और विशेष अवसर।

जुलाई 2025 में कब रहेगा पंचक?

हिंदू पंचांग के अनुसार, जुलाई 2025 में पंचक की शुरुआत 13 जुलाई को शाम 6:53 बजे होगी और यह 18 जुलाई दोपहर 3:39 बजे तक चलेगा।
इन दिनों में किसी भी प्रकार के नए, शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।

इस बार पंचक के दौरान ही कई प्रमुख व्रत और पर्व भी पड़ रहे हैं — सावन का पहला सोमवार, मंगला गौरी व्रत, कर्क संक्रांति और कालाष्टमी।
चूंकि सावन सोमवार भी पंचक में आ रहा है, इसलिए शिव पूजा करते समय सही मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी है ताकि पूजा का पूरा फल मिल सके।

पंचक क्या होता है?

पंचक वह काल होता है जब चंद्रमा कुंभ से मीन राशि तक के पांच नक्षत्रों (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती) से गुजरता है। यह पांच दिनों की अवधि पंचांग का विशेष हिस्सा है, जिसे शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है।

पंचक के नक्षत्र कौन-कौन से हैं?

इन नक्षत्रों में कोई भी बड़ा काम — जैसे विवाह, गृह प्रवेश, निर्माण कार्य — न करने की सलाह दी जाती है।

पंचक को अशुभ क्यों मानते हैं?

मान्यता है कि पंचक के दौरान किए गए कार्य का फल पांच गुना मिल सकता है — कई बार यह नकारात्मक रूप में भी होता है।
पंचक के समय मृत्यु होने पर भी विशेष पूजा करके शांति कराई जाती है ताकि परिवार पर कोई अशुभ असर न पड़े।

किस नक्षत्र में क्या न करें?

इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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