महागठबंधन के मंच पर पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को नहीं मिली जगह

पटना में महागठबंधन के बिहार बंद के दौरान निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को मंच पर चढ़ने से दो बार रोका गया और इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने हल्का बल प्रयोग भी किया। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को भी मंच पर जाने से रोक दिया गया। मंच पर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और महागठबंधन के अन्य नेता मौजूद थे।

Written by Himanshi Prakash, National Khabar

महागठबंधन के बिहार बंद में निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बिन बुलाए मेहमान साबित हुए। उन्होंने नेताओं के लिए तैयार अस्थायी मंच पर दो बार चढ़ने की कोशिश की। पहली बार सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें इशारों में समझाया कि उनका नाम सूची में नहीं है, तो वे लौट गए। लेकिन दूसरी बार उन्होंने फिर कोशिश की, तो इस बार सुरक्षाकर्मियों ने हल्का बल प्रयोग किया। भारी शरीर के कारण पप्पू यादव मुश्किल से संतुलन संभाल पाए। इससे पहले कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने भी मंच पर चढ़ने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें भी रोक दिया गया। कन्हैया किनारे खड़े हो गए और दोबारा प्रयास नहीं किया।

आइए विस्तार से समझते हैं पप्पू यादव के साथ क्या हुआ। यह घटना आयकर गोलंबर के पास हुई, जहां एक ट्रक को सजाकर अस्थायी मंच बनाया गया था। पप्पू यादव पूरे जोश के साथ बंद में हिस्सा लेने पहुंचे और उनके साथ समर्थकों की भी बड़ी भीड़ थी। लेकिन जिस मंच पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और महागठबंधन के अन्य दलों के नेता मौजूद थे, वहां उन्हें जगह नहीं दी गई।

राहुल गांधी ने मंच पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार को अपने बगल में खड़ा किया और उन्हें दायीं ओर आगे किया। उनके साथ पीछे सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे। मंच पर कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं में कार्य समिति के सदस्य डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, विधायक दल के नेता शकील अहमद खान और विधान परिषद में कांग्रेस नेता डॉ. मदनमोहन झा को भी जगह दी गई।

राजद की ओर से तेजस्वी यादव के साथ प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल और राज्यसभा सांसद संजय यादव मंच पर मौजूद थे।
महागठबंधन के अन्य घटक दलों से भाकपा महासचिव डी राजा, भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, माकपा के एम.ए. बेबी और वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी को भी मंच पर स्थान मिला।

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