मुहर्रम हिंसा पर बिहार में गरमाई सियासत, बीजेपी ने तेजस्वी पर साधा निशाना

बिहार में मुहर्रम हिंसा को लेकर नई सियासत शुरू हो गई है। अमित मालवीय ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि “तेजस्वी यादव के नारे लगते ही, अराजक तत्वों ने मुहर्रम के जुलूस का बहाना बनाकर हिंदू समुदाय पर हमला शुरू कर दिया।”

Written by Himanshi Prakash, National Khabar

बिहार में गोपाल खेमका हत्याकांड के बाद अब मुहर्रम पर हुई हिंसा को लेकर पटना से दिल्ली तक सियासी पारा चढ़ गया है। पटना के पॉश इलाके में मशहूर कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या पर नीतीश सरकार पहले से ही विपक्ष और अपने ही नेताओं के निशाने पर है। चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं। अब मुहर्रम के दौरान हुई हिंसा को लेकर भी बिहार में नई राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव को घेर लिया है।

अमित मालवीय ने ट्वीट कर मुहर्रम हिंसा के लिए तेजस्वी यादव को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके मंच से ‘शाहबुद्दीन जिंदाबाद’ के नारे लगवाने के तुरंत बाद ही बिहार में अराजक तत्वों ने मुहर्रम के जुलूस की आड़ में हिंदू समाज पर हमले शुरू कर दिए। मालवीय ने कहा कि मोतिहारी में ऐसी ही एक घटना में अजय यादव की नृशंस हत्या कर दी गई, लेकिन तेजस्वी यादव — जो स्वयं यादव समाज से आते हैं — ने अब तक इस पर एक शब्द भी नहीं बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या राजद की राजनीति में मुस्लिम तुष्टीकरण इतना हावी हो गया है कि यादव समाज की जान की कोई कीमत ही नहीं बची? मालवीय ने आरोप लगाया कि मुहर्रम के नाम पर हाल के दिनों में बिहार के कई जिलों में हुई हिंसा उसी ‘शाहबुद्दीनवादी’ मानसिकता का नतीजा है, जिसे तेजस्वी यादव अपने मंच से महिमामंडित कर रहे हैं।

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