एक ऐसा मंदिर जिसे भूतों ने बनाया
आज हम भारत के एक ऐसे मंदिर के बारे में बात करेंगे जिसका निर्माण किसी मनुष्य द्वारा नहीं किया गया है। किसी भी इमारत को खड़ी करने में मजदूरों की जरुरत पड़ती है। लेकिन ये मंदिर कैसे बना इसके बारे में आपको बताते हैं।इस मंदिर का नाम है ककनमठ मंदिर तो चलिए बढ़ते हैं ख़बर की तरफ
Report by: Jyoti Patel, National Dharam
यह मंदिर पूरा रहस्य से घिरा हुआ है कहा जाता है इस मंदिर को किसी व्यक्ति ने नहीं बल्कि एक ही रात में भूतों ने बनवाया है। जी हां आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं। ककनमठ मंदिर यह मंदिर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित है जिसकी ऊंचाई बहुत जायदा हैं इस मंदिर का रहस्य प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है क्योंकि प्राचीन काल में राजाओं का राज हुआ करता था उस दौरान इस स्थान का जिक्र हुआ.
इस मंदिर का रहस्य क्या है ?
ककनमठ मंदिर एक ऐसा मंदिर है जो हमेशा से रहस्यों के घेरे में रहा है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की इसे भगवन शिव के आदेश पर बनवाया गया था। भगवन शिव को मनुष्य और बहुत प्रेत सब प्रिय हैं ऐसे में भगवान ने जब आदेश दिया तो भूतों ने इस मंदिर को एक ही रात में बनवा दिया। इस मंदिर को ककनमड शिव मंदिर तथा भूतों के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की जाँच और शोध करते हुए वैज्ञानिक भी हैरान हो गए थे। ये मंदिर मध्य प्रदेश के ग्वालियर चम्बल संभाग में स्थित है।
भूतों वाला मंदिर कैसे निर्मित है?
ककनमठ मंदिर जिसे भूतों वाला मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर की बनावट बहुत ही अलग है देखने से तो ऐसा लगता है जैसे यह मंदिर अभी गिर जाएगा लेकिन इस मंदिर की इमारत हजारों साल से ऐसे ही खड़ी है। आंधी आए या तूफान आए इस मंदिर पर कोई असर नहीं होता है और ना ही किसी प्रकार की हानि पहुंची है। इस मंदिर में सबसे ज्यादा चौंकाने की बात तो यह है कि इसमें किसी भी प्रकार का कोई सीमेंट या बालू या मिट्टी का इस्तेमाल नहीं हुआ है बल्कि एक पत्थर के ऊपर पत्थर रखकर इस मंदिर की इमारत को खड़ा किया गया है |
ककनमठ मंदिर अधूरा क्यों है ?
ककनमठ मंदिर दिन में नहीं बल्कि रात में बनाई गई है और इस मंदिर का निर्माण भूतों द्वारा हुआ है वह रात में ही इस मंदिर को बना सकते थे। सूर्योदय से पहले इनको मंदिर बनाना था सुबह होने के कारण यह मंदिर अधूरा रह गया और इसमें पत्थरों की मूर्ति है। यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है जिसमें एक शिवलिंग भी है लेकिन इस मंदिर में कोई भी शाम के समय नहीं जा सकता है क्योंकि ऐसा कहा जाता है की इस मंदिर में जो शाम के समय गया तो वह कभी वापस नहीं आ सकता है। ऐसा भी कहा जाता है यह मंदिर बहुत ही ज्यादा रहस्यमई है इसके बारे में वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा सकते हैं