ऐतिहासिक और वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है बदामी मंदिर गुफा, जानिए पूरा सच
रिपोर्ट : ज्योति पटेल, नेशनल धर्म
बदामी मंदिर गुफा, जो मध्य प्रदेश, भारत में स्थित है, ऐतिहासिक और वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसमें बुद्ध और हिन्दू देवताओं के मंदिर हैं, और इसे उसकी चट्टानों पर बनाए गए गुफा-मंदिरों के लिए प्रसिद्ध किया जाता है। इसकी सुंदर और अद्वितीय स्थापत्यकला ने इसे एक अनूठे स्थल बना दिया है, जिसे लोग दुनियाभर से आकर देखते हैं।
कहा जाता है बदामी मंदिर अपनी सुन्दर आकर्षण नक्काशी और बादामी गुफा के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहाँ भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा है जो तांडव करते हुए है। यहाँ आप महिषासुरमर्दिनी, गणपति, शिवलिंगम और शन्मुख की प्रतिमा भी देख सकते हैं। इस मंदिर की अनेक चित्रकला को देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ मंडराती रहती है
इस मंदिर की अनेक विशेषताएं हैं! जैसे की यह एक प्रमुख वास्तुकला के उदाहरण के रूप में माना जाता है, जिसमें शिल्पकला की शृंगारी सुंदरता है।इसमें बुद्ध और हिन्दू देवताओं की मूर्तियां समाहित हैं, जिससे यह धार्मिक एकता का प्रतीक है।
इसकी कला में विशेष रूप से शिल्पकला, संगीत, और काव्य का समाहार है, जो इसे एक सांस्कृतिक केंद्र बनाता है।यह मंदिर भूमिगत रूप से बना है, जिससे इसकी अनूठी भूमि सुविधा का आनंद लिया जा सकता है। इन सभी विशेषताओं के साथ, बदामी मंदिर एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक स्थल के रूप में उच्च मानकों को दर्शाता है।
कहां जाता है इस मंदिर का निर्माण जो गुप्त वंश के समय (4वीं से 6वीं सदी ईसा पूर्व) में हुआ था और इसे विशेष रूप से विष्णु के उपासना के लिए समर्पित किया गाया । मंदिर की सुंदर शैली, विशालता को देखकर पर्यटक की भीड़ कभी कम ही नहीं होती है और लोग इसी चित्रकला को देखकर मंत्र मुक्त हो जाते हैं इस मंदिर की खासियत बहुत ही ज्यादा मानता है कहा जाता है कि इस मंदिर की मान्यता लोगों को देखकर ही पूरी हो जाती है