Sunday, September 8, 2024
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ओडिसा के कोणार्क मंदिर में क्यों नहीं होती पूजा ?

भारत एकत्र ऐसा देश है जहां अनेकों मंदिर हैं हर एक मंदिर से लोगों के आस्था की उम्मीदें जगी रहती हैं | उनकी आराधना में मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसा मंदिर सुना है जहां पूजा नहीं होती |कोणार्क सूर्य मंदिर जो कि उड़ीसा में स्थित है क्यों नहीं होती है पूजा, क्या रहस्य है इस मंदिर का आइये जानते हैं ?

Report by ज्योति पटेल, नेशनल धर्म

कोणार्क मंदिर का इतिहास –

कोणार्क सूर्य मंदिर, भारत के उडीसा राज्य में स्थित है और यह एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 13वीं सदी में भारतीय स्थापत्यकला के उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक माना जाता है। यह मंदिर सूर्य भगवान को समर्पित है और उसके आराधना के लिए बनाया गया था। मंदिर की सबसे पहचानीय विशेषता उसकी विशाल और अद्भुत शिल्पकला है, जिसमें विभिन्न प्रकार के संगीत, नृत्य, और कला संदेशों को प्रस्तुत किया गया है।

विशेषता किस प्रकार से हैं ?

इसकी विशेषता में एक शैली है, जो मंदिर के प्रमुख स्तम्भों, गोपुरों और पर्वतारोहणी (मंदिर के प्रवेश द्वार) पर अद्भुत और जटिल शिल्पकला का प्रदर्शन करती है। उसकी विस्तृतता और भव्यता शामिल है, जिसमें सूर्य भगवान के रथ (चारिओं) का उल्लेखन किया गया है, जिन्हें दक्षिण, पूर्व और पश्चिम की दिशाओं में स्थापित किया गया है। कुल मिलाकर, इस मंदिर की विशेषता उसके भव्य और अद्वितीय शैली में, सांस्कृतिक संदेशों के उत्कृष्ट अभिव्यक्ति में, और विस्तारणीय संगीतीय और कलात्मक संदेशों के रूप में है।

कोणार्क मंदिर का गर्भ ग्रह क्यों बंद है ?

कोणार्क सूर्य मंदिर के गर्भगृह में बंद किया गया है क्योंकि वह मंदिर ऐतिहासिक रूप से अपनी महत्ता और सांस्कृतिक मूल्य के लिए प्रसिद्ध है। यह गर्भगृह किसी सामयिक निर्देशन या प्रदर्शन के लिए बंद हैं ताकि मंदिर की सुरक्षा बनी रहे यहां कई संस्कृति और परंपराओं के अनुसार, किसी समय मंदिर के गर्भगृह को सामान्य जनता के लिए अनुप्रयोगी बताया जाता है ताकि उसकी सुरक्षा और अनूठा महत्त्व सुनिश्चित किया जा सके।

कोणार्क मंदिर में पूजा क्यों नहीं होती है ?

कहां जाता है कि इस मंदिर में यानी कोणार्क मंदिर मे खंडित मूर्ति होने के कारण मूर्ति की पूजा नहीं होती है शाम के समय इस मंदिर का सौंदर्य बहुत ही अद्भुत होता है जब सूरज की किरणें इस मंदिर पर पड़ती है तब ऐसा प्रतीत होता है जैसे सूर्य देव के दर्शन हो रहा है

कोणार्क मंदिर का रहस्य क्या हैं ?

कोणार्क मंदिर देखा जाए तो यह पूरा रहस्य से घिरा हुआ है इसके बारे में शब्द कम पड़ जाए की इस मंदिर की व्याख्या कैसे करें मंदिर का बनावट एक रथ के जैसे है जिसमें 12 पहिए जुड़े हुए हैं और इसका अर्थ है 12 वर्षों का प्रतीक

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