कांग्रेस को फिर लगा झटका, आजाद के बाद आनंद शर्मा का प्रमुख कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा
नेशनल खबर,डेस्क रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को दिग्गज नेता आनंद शर्मा ने बड़ा झटका दिया है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में शर्मा ने कहा है कि वह अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर सकते और इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं।
शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा है कि परामर्श प्रक्रिया में उन्हें नजरअंदाज किया गया और किसी भी मीटिंग में नहीं बुलाया गया। हालांकि उन्होंने सोनिया से यह जरूर कहा है कि वह राज्य में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार जारी रखेंगे। जी-23 नेताओं में रहे शर्मा के इस्तीफे के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
अभी ज्यादा दिन भी नहीं हुए जब गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर की प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटे बाद ही इस्तीफा दे दिया था। गुलाम के बारे में बताया गया कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया। हालांकि अंदरखाने बात निकल कर आई कि आजाद पार्टी के फैसले से खुश नहीं हैं। उन्हें इस बात का मलाल था कि कई जमीनी नेताओं को भी नजरअंदाज किया गया।
आजाद हों या शर्मा, दोनों ही जी23 समूह के प्रमुख नेता में गिने जाते हैं, जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों की आलोचना करने से कतई नहीं चूके हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनीष तिवारी समेत कई अन्य दिग्गज नेताओं वाला यह समूह ब्लॉक से लेकर केंद्रीय कार्य समिति स्तर तक सही तरीके से चुनाव कराने पर जोर दे रहा है। हिमाचल प्रदेश के सबसे वरिष्ठ नेताओं में बड़ा नाम शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे अपने पत्र में ये कहा है कि उनके अपने स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उनसे ही पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श नहीं किया गया और न ही उन्हें आमंत्रित किया गया।
नंद शर्मा के इस्तीफे के पीछे वो बात महत्वपूर्ण मानी जा रही है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर सकते। इसका मतलब साफ है कि वह असहज महसूस कर रहे थे। पहले से अपने कुनबे को एकजुट कर रखने की जद्दोजहद में लगी कांग्रेस के लिए अपने दो दिग्गजों की नाराजगी अच्छे संकेत नहीं हैं। आनंद शर्मा को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी नेताओं में गिना जाता है। शर्मा के इस्तीफे से एक बात और साफ हो जाती है कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।