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कूड़े से निकलेगा सोना, हैदराबाद में एशिया का सबसे बड़ा ई-कचरा संयंत्र

Report National Khabar

बेशक ई कचरा देश के लिए एक बड़ी समस्या है, लेकिन जल्द ही इसका समाधान भी निकल जाएगा। हैदराबाद स्थित डूंडीगल गांव में एशिया का सबसे बड़ा ई- कचरा पुनर्चक्रण संयंत्र आरई सस्टेनेबिलेटी रेलडान रिफाइनिंग लिमिडेट बनकर तैयार हो गया है। यहाँ रिफाइनिंग यानी कचरे से मूल्यवान धातु निकालने की सुविधा भी रहेगी।


आरई सस्टेनेबिलेटी लिमिडेट के कारपोरेट समन्वय प्रमुख रमेश बित्रा बताते हैं कि ई कचरे में बहुत सी मूल्यवान धातुएं भी रहती हैं। लेकिन इन धातुओं को निकालने के लिए जर्मनी, बेल्जियम और अमेरिका के संयंत्रों की मदद ली जाती रही है। लेकिन अब यह भारत में भी संभव हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि सुनकर हैरत भले ही हो, लेकिन इस ई कचरा पुनर्चक्रण में मूल्यवान धातुओं के लिए ही एक तिजोरी भी बनाई गई है। संयंत्र की औपचारिक शुरुआत करने के लिए आंध्र प्रदेश की सरकार को निवेदन भेज दिया है, समय मिलते ही शुभारंभ कर दिया जाएगा।


यह संयंत्र 13 एकड में बनाया गया है। इसकी विशेषता यह है कि देश का पहला ऐसा संयंत्र है जहां ई कचरे से धातु निकाली जाएंगी। इसके लिए चार तकनीकों थर्मल प्रोसेसिंग, मैकेनिकल रिडक्शन, पायरो मैटालोजिकल एवं हाइड्रो मैटालोजिकल प्रोसेसिंग का इस्तेमाल किया जाएगा। संयंत्र की क्षमता 20 हजार टन सालाना है।
प्रति एक क्विंटल ई कचरे से लगभग 10 ग्राम सोना निकलता है। मोबाइल फोन से लेकर कंप्यूटर लैपटाप तक ज्यादातर इलेक्ट्रानिक उपकरणों के सर्किट बोर्ड में सोना इस्तेमाल होता है।

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