क्या है नेशनल हेराल्ड केस? जिसने सोनिया और राहुल की उड़ा दी है नींद
Report: National Khabar:
ED की टीम नेशनल हेराल्ड केस में लगातार छोपेमारी कर रही है…या आप ये भी कह सकते हैं कि नेशनल हेराल्ड केस ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की नींद उड़ा रखी है…आज हम इसी केस के बारे में आपकोे विस्तार से बताएंगे
साल 2012 नवंबर के महीने में सुब्रमण्यम स्वामी ने एक केस दर्ज कराया… केस दर्ज होने के दो साल बाद जून 2014 में अदालत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ एक समन जारी कर दिया.. इसी साल अगस्त महीने में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया… केस दर्ज होने के बाद अगले साल 19 दिसंबर 2015 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने नियमित जमानत दी… इसके अगले साल यानी 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई रद्द करने से इनकार कर दिया… राहत की बात यह रही कि कोर्ट ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान कर दी… इसके दो साल बाद 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी की आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी… इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया… हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और कहा कि आयकर की जांच चलती रहेगी
चलिए अब आपको बताते हैं कि नेशनल हेराल्ड मामला क्या है दरअसल यह मामला नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा हुआ है.. साल 1938 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसकी स्थापना की थी…अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड एजेएल के पास था जो दो और अखबार छापा करती थी.. हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज…1956 में एजेएल को गैर व्यावसायिक कंपनी के तौर पर स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 से कर मुक्त कर दिया गया
कंपनी धीरे-धीरे घाटे में चली गई.. कंपनी पर 90 करोड़ का कर्ज भी चढ़ गया… इस बीच साल 2010 में यंग इंडियन के नाम से एक अन्य कंपनी बनाई गई… जिसका 76 प्रतिशत शेयर सीधा- सीधा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था…यानी कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन सीधा नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया था… लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया
इसके बदले यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए… बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है