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चंडीगढ़ लोकसभा के कांग्रेस सांसद पर हाईकोर्ट में याचिका दर्ज।

Written By: Prakhar Srivastava, National Khabar

संसदीय सीट चंडीगढ़ से लोकसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी को सांसद के रूप में चुनाव को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। यह मामला संजय टंडन द्वारा दायर एक याचिका को ध्यान में रखते हुए अदालत में पहुंचा है, जिन्होंने भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। तिवारी केवल 2,504 मतों के अंतर से विजेता के रूप में सामनेआए। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम,के 1951 की विभिन्न धाराओं में दायर अपनी याचिका में टंडन ने तिवारी पर चुनाव के दौरान भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का आरोप लगाया है।

इसके बावजूद भी आरोपों और रिपोर्टों में दिखा कि तिवारी और उनके समर्थक चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने वाली गतिविधियों में शामिल रहे। कोर्ट में दायर की गईयाचिका में तिवारी के चुनाव को रद्द करने और संजय टंडन को चंडीगढ़ से लोकसभा में निर्वाचित सांसद घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। कोर्ट कीयाचिका में तिवारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) और आम आदमी पार्टी (आप) पर मतदाताओं को नौकरी की गारंटी देने सहित भ्रमितवादे करने का भी आरोप लगाया गया है। कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन मित्तल और अधिवक्ता आशु एम. पुंची ने रजिस्ट्रार कार्यालय के सामने चुनाव याचिका पेश करते हुए कहा कि गारंटी कार्ड भरने और वीडियो पोस्ट करने से मासूम और भोले मतदाताओं को यह विश्वास हो जाता है कि अगर वे तिवारी को वोट देते हैं, तो उन्हें रुपयेका मुआवजा दिया जाएगा। 8,500 प्रति माह, हर एक शिक्षित युवा की

हरपहली नौकरी के लिए 1 लाख रुपये का वेतन दिया जाएगा, और स्वामीनाथन फॉर्मूले के आधार पर ऋण माफी और एमएसपी की कानूनी गारंटी तिवारी के चुनाव के लिए आधार हैं। उनकी याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि इस तरह की भ्रष्टाचारके नियमों में आरपी अधिनियम की धारा 123 के साथ धारा 100 और 101 के तहत उनके चुनाव को रद्द करने का आधार हैं।

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