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दिखी उम्मीद की किरण! 2028 तक आ सकती है कैंसर से बचाव की वैक्सीन

रिपोर्ट: नेशनल ख़बर

दुनियाभर में कैंसर के विभिन्न प्रकार विज्ञानियों की चिंता का कारण बने हुए हैं। कैंसर के ज्यादातर प्रकार का इलाज जल्दी जांच पर निर्भर करता है। इलाज के बाद भी कैंसर के दोबारा होने की आशंका बनी रहती है। दशकों तक सीमित सफलता के बाद अब विज्ञानियों को उम्मीद की नई किरण दिखी है। माना जा रहा है। कि अगले पांच साल में कैंसर को लेकर कई कारगर टीके विकसित किए जा सकते हैं।


अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के डा. जेम्स गुली ने बताया, ‘हमें कुछ सीमा तक सफलता मिल गई है। अब इसे और बेहतर करने के लिए काम हो रहा है।’जिस वैक्सीन पर विज्ञानी काम कर रहे हैं, वह आम वैक्सीन से इतर होगी। सामान्यतः वैक्सीन का प्रयोग बीमारी से बचाव के लिए होता है।


वहीं कैंसर की वैक्सीन शरीर में बने कैंसर ट्यूमर को छोटा करने में सक्षम होगी और भविष्य में कैंसर को पनपने से रोकेगी जानलेवा त्वचा कैंसर मेलानोमा और पेंक्रियाज के कैंसर पर इसी साल वैक्सीन के कारगर रहने के प्रमाण मिले हैं। अब स्तन कैंसर और फेफड़े के कैंसर को लेकर प्रयोग किए जा रहे हैं।


लगातार उन्नत होती टेक्नोलाजी के दम पर इस बात को लेकर स्थिति ज्यादा स्पष्ट हुई है कि शरीरकी प्रतिरक्षा प्रणाली से कैंसर कोशिकाएं स्वयं को कैसे छिपाती हैं। इसी को आधार बनाकर वैक्सीन बनाई जा रही है जैसे इम्यूनोथेरेपी में प्रतिरक्षा प्रणाली को ही कैंसर कोशिकाओं को खोजने और खत्म करने में सक्षम बनाया जाता है, यह वैक्सीन उस प्रक्रिया पर काम करेगी।


सिएटल स्थित कैंसर वैक्सीन इंस्टीट्यूट की डा. नौरा डिसिस ने कहा कि वैक्सीन के काम करने के लिए जरूरी होता है कि वह प्रतिरक्षा प्रणाली की टी-सेल्स की कैंसर जैसी कोशिकाओं को पहचानने में सक्षम बनाए वैक्सीन पर काम चुनौतीपूर्ण है।


कैंसर के कुछ प्रकार को लेकर ऐसी वैक्सीन बनी हैं। हालांकि वैक्सीन लगने के बाद भी मरीज की कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का फायदा उठाकर कैंसर फिर फैलने लगता है।

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