दिल्ली-NCR

दिल्ली एम्स प्रशासन का ऐलान कोई भी डॉक्टर धरना और प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे।

उच्च न्यायालय के फ़ैसले का संदर्भ लेकर दिया गया डॉक्टरों को फ़रमान !

Written By : Prakhar Srivastava

एम्स प्रशासन और हाईकोर्ट ने दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों को सलाह दी गई है कि वे अस्पताल के परिसर में या उसके पास कोई विरोध प्रदर्शन न करें, क्योंकि ऐसा करना उच्च न्यायालय के निर्देशों के खिलाफ होगा और इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा। दिल्ली एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाकर ओपीडी और वार्ड सहित सभी वैकल्पिक और गैर-आवश्यक सेवाओं को बंद करके कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का विरोध किया।

प्रशासन ने अनुरोध किया कि सभी विभाग प्रमुख और केंद्र प्रमुख 3 p.m तक रेजिडेंट डॉक्टरों की दैनिक उपस्थिति रिपोर्ट जमा करें।

इसने प्रशिक्षकों, निवासियों, छात्रों, पैरामेडिक कर्मचारियों या एम्स से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति द्वारा हड़ताल, विरोध या प्रदर्शनों के संबंध में 21 फरवरी, 2011 को उच्च न्यायालय द्वारा जारी एक फैसले का संदर्भ दिया। एम्स के अधिकारियों की ओर से यह देखना अनिवार्य है कि संस्थान में शामिल कोई भी व्यक्ति हड़ताल, विरोध या प्रदर्शन का सहारा लेकर किसी भी तरह की कोताहि दिखाता है और जो भी इस तरह की गतिविधि में शामिल होता है

वह अनुशासनात्मक कार्यवाही और इस अदालत की अवमानना के लिए भी जिम्मेवार होगा।

कार्यालय ने अपने ज्ञापन में कहा कि, “उक्त कोड ऑफ कंडक्ट” को एक बार फिर से संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टरों, उनके ग्रेड और कैडर की परवाह किए बिना और परिसर में शांति और सद्भाव बनाए रखने और संस्थानके सुचारू कामकाज के लिए उनका प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न संघों/संघों द्वारा जानकारी और पालन के लिए अधिसूचित किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *