नए संसद भवन के उद्धाटन पर क्यों छिड़ी सियासत ?
रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा
28 मई को देश को नया संसद भवन मिलने जा रहा है | जिसका उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना है | संसद भवन के उद्घाटन के लिए 18 मई को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण दिया गया जिसके बाद से देश की सियासत गरमाना शुरू हो चुकी है | सभी विपक्षी पार्टियां उद्धाटन समारोह के बहिस्कार का एलान भी कर चुकी हैं |
21 मई को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा एक ट्वीट किया गया की नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए न की प्रधानमंत्री को।
इसके बाद लगातार दूसरे नेता भी अपनी बातें कहने में पीछे नहीं रहे।
“कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगे ने कहा” ” ऐसा प्रतीत होता है की बीजेपी सिर्फ चुनावी कारणो के लिए राष्ट्रपति को चुन रही है , ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी ने नए संसद भवन के शिलान्यास के दौरान पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को आमंत्रित नहीं किया।
आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया की :- BJP सरकार दलितों, पिछड़ों . आदिवासियों की जन्मजात विरोधी रही है | पहले श्री राम मंदिर के शिलान्यास के दौरान पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को नहीं बुलाया और अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को |
इसी के साथ AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी तो इतना तक बोल गए की प्रधानमंत्री ऐसा व्यव्हार कर रहे हैं “जैसे उनके दोस्तों ने अपने निजी फंड से इसे स्पोंसर किया हो। इसी के साथ ओवैसी ये भी कहते नजर आए की लोक सभा स्पीकर को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए न कि पीएम मोदी को या महामहिम द्रोपदी मुर्मू को आगे ओम बिरला उद्घाटन नहीं करेंगे तो हम (एआईएमआईएम ) भी इस समारोह में शामिल नहीं होंगे।
28 मई की तारीख पर भी सवालिया घेरे में
28 मई की तारीख को भी लेकर काफी सवाल उठाए जा रहे हैं क्यूंकि 28 मई को वीर सावरकर की 140वीं जयंती है|अब देखने वाली बात ये है की क्या ये एक संयोग है या फिर सुनियोजित है |