नया संसद भवन: सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत समस्त भारतवासियों का एक ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा
Report: National Khabar
आगामी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन हो जाएगा। इसी दिन महान देशभक्त विनायक दामोदर सावरकर की भी 140वीं जयंती है। वीर सावरकर के जन्म दिन के मौके पर देश की तरफ से उनके लिए इससे बड़ी औऱ क्या ही होती?
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत निर्माण हुई ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री मोदी का ही नहीं बल्कि समस्त भारतवासियों का एक ड्रीम प्रोजेक्ट कह सकते हैं। 28 महीने में बनाई गई इस 4 मंजिला बिल्डिंग पर भूकंप का भी कोई असर नहीं होगा।
इसमें 3 दरवाजे हैं, इन्हें क्रमशः ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार का नाम दिया गया है। वहीं जो सांसद और वीआईपी हैं उनके लिए अलग एंट्री है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संसद भवन का निर्माण लगभग सौ साल पूर्व 1927 में किया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि मौजूदा बिल्डिंग बहुत पुरानी हो गई है और बेकार भी हो रही है। इसके अलावा सभी सांसदों के बैठने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है। इसी कारण से नई बिल्डिंग का निर्माण जरुरी हो गया था।
भारत के संसद भवन को भारत के लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। यह हमारे देश का शक्तिपीठ भी है इसलिए इसका निर्माण शानो शौकत और संपूर्ण भव्यता के साथ किया जाना ही था। नया संसद भवन भव्यता में औपनिवेशिक वक्त के स्मारकों को बहुत पीछे छोड़ देगा और सबसे महत्वपूर्ण बात, इसे खुद से बनाया गया है स्वदेशी आर्किटेक्ट बिमल पटेल के निर्देशन में। देश के इंजीनियरों और श्रमिकों की सहायता लेकर।