एडिटोरियल

मुलायम सिंह यादव(1939 – 2022)

रिपोर्ट: प्रज्ञा झा

10 अक्टूबर 2022 सुबह 8:00 बजे खबर आई की सपा संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया। काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे जिसके बाद उन्हें दिल्ली के गुरुग्राम में मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीती शाम डॉक्टर्स द्वारा उनकी हालत को लेकर वेरी क्रिटिकल जैसे शब्द का उपयोग करना पड़ा और सुबह खबर आई की उनका निधन हो चुका है। जिसके बाद पॉलिटिकल पर्टीज के अलग-अलग नेता और गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हॉस्पिटल पहुंचे। बेटे अखिलेश यादव भी वहां मौजूद रहे। मुलायम सिंह यादव पिछले चार दशकों से राजनीति में बने हुए थे आजादी से पहले का दौर भी उन्होंने देखा था और देश के रक्षा मंत्री के तौर पर भी देश की रक्षा के लिए कई कदम उठाए थे।


मुलायम सिंह यादव के जीवन से क्या सिख लि जा सकती है
मुलायम सिंह यादव के जीवन से हम एक सीख ले सकते हैं कि उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक काल में अपने सभी रिश्ते को बचाए रखा किसी भी रिश्ते में इतना मनमुटाव नहीं हुआ कि उन्हें तोड़ दिया गया हो या वह दोबारा समेटे ना जा सके।


निजी जीवन
मुलायम सिंह यादव का जन्म मूर्ति देवी और सुघर सिंह के घर 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा के सैफई गांव में हुआ था। मुलायम सिंह यादव पॉलिटिकल साइंस मास्टर्स तक की डिग्री हासिल कर चुके थे। यादव जी की दो शादियां हुई थी।
पहली मालती देवी जिनका देहांत 2003 में हो गया। और दुसरी साधना गुप्ता जिनकी मृत्यु 2022 में हुई। मुलायम सिंह यादव पहले एक शिक्षक हुआ करते थे और उसके बाद कहा जाता था कि वह पहलवानी मैं भी अपना हाथ आजमा चुके थे और राजनीति में उन्होंने पहला कदम 28 साल की उम्र में ही रख दिया था।


राजनीतिक जीवन
मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर शुरू हुआ 1967 में जब पहली बार उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर से विधायक बने और विधायक का सफर 1993 से चला ।इसी बीच वो 1989 में उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री भी रहे ।वही 1996 में उन्होंने पहली बार मैनपुरी से लोक सभा चुनाव भी लड़ा और जीते भी। 1996 से 1998 के बीच यूनाइटेड फ्रंट की पार्टी में रक्षा मंत्री भी रहे। फिर वो कन्नौज और संभाल से लोक सभा चुनाव लड़े और जीते भी। 2003 में वो सुश्री बार मुख्य मंत्री बने और 2007 तक वो मुख्य मंत्री बने रहे वहीं 2004 में वो लोकसभा चुनाव जीते थे पर बाद में उन्होंने त्याग पत्र दे दिया। 2009 में उन्होंने मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते भी लेकिन उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी। 2019 में फिर से मैनपुरी से ही लोकसभा चुनाव लड़े और जीत गए। करीबन 4 दशकों से चला आ रहा सफर 10 अक्टूबर 2022 को समाप्त हो गया। राजनीति के दावपेंच उन्होंने 60 के दशक में राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह से सिख और सोशलिस्ट पार्टी का हमेशा सपोर्ट किया।


मुलायम सिंह यादव सबसे पहले संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के मेंबर रहे फिर दूसरी पार्टी बनी राष्ट्रीय क्रांति दल जो की चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में बनाई गई। चौधरी जी की पार्टी का विलय होने के बाद ये पार्टी बनी भारतीय लोक दल इस तरह से मुलायम सिंह यादव ने राजनीति में अपने 55 साल दिए।


यादव जी के विवादित बयान।
कई बाल मुलायम सिंह यादव अपने कंट्रोवर्शियल स्टेटमेंट को लेकर काफी ज्यादा सुर्खियों में भी रह चुके हैं सबसे बड़ा जो बयान में नजर आता है वह वेद के ऊपर यादव जी द्वारा दिया गया था जहां पर उन्होंने कहा कि लड़के हैं गलतियां हो जाती हैं वही दूसरा बयान भी था कि कभी ऐसा हो सकता है कि एक रेप करें और अचार का नाम आ जाए ऐसा प्रैक्टिकल ही नहीं है और तीसरा बयान था वह मन रिजर्वेशन बिल को लेकर जिस वक्त मुलायम सिंह यादव काफी ज्यादा चर्चा में आ गए थे।

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