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यूपी चुनाव से पहले आया राकेश टिकैत का बड़ा बयान, बोले- दिल्ली की तरह लखनऊ के रास्तों को भी करेंगे सील

रिपोर्ट- भारती बघेल

तीन नए कृषि कानूनों को लेकर अभी तक सरकार और किसानों में बात फंसी हुई है।जहां एक तरफ सरकार कह रही है कि कृषि कानूनों में बदलाव तो संभव है,लेकिन वापस लेना संभव नहीं है। दूसरी तरफ किसानों ने साफ शब्दों में कह दिया कि जब तक ये कानून वापस नहीं होंगे तब तक घर वापसी नहीं होगी। और हम अपनी बात को लेकर यूंही आंदोलन करते रहेंगे। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के खिलाफ आर- पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने आज साफ शब्दों में कह दिया है कि अब लखनऊ को भी हम दिल्ली की तरह बनाएंगे।उन्होंने कहा कि जैसे हमने दिल्ली के रास्तों को घेरा है वैसे ही अब लखनऊ के रास्तों को भी सील करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ के आज प्रेस क्लब में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत कई नेता मौजूद थे। मिशन उत्तर प्रदेश के तहत किसान सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

बिजली मंहगी, गन्ने का भी है भुगतान बाकी
राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश शुरु से आंदोलन का प्रदेश रहा है। किसानों ने इस बार मूंग की फसल तीन हजार रुपये सस्ती बेची है। आलू की खेती करने वाला किसान भी बर्बाद हो गया है। गन्ना करने वाले किसानों का 12 हजार करोड़ का भुगतान बाकी है। पिछली सरकारों में फिर भी रेट बढ़ता रहा था लेकिन इस सरकार ने कुछ नहीं किया। और सबसे बड़ी बात तो ये है कि यूपी में किसानों को सबसे मंहगी बिजली मिल रही है।

टिकैत ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी
राकेश टिकैत ने कहा है कि 5 सितंबर को मुज्जफरनगर में बड़ी महापंचायत करेंगे और वहीं से इस आंदोलन की शुरुआत होगी। आगे उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा ने 8 महीने तक आंदोलन के बाद ये फैसला लिया है। साथ ही इस आंदोलन यूपी, उत्तारखंड समेत देश के कोने कोने तक ले जाएंगे।

हर तरफ से होगा लखनऊ का घेराव
राकेश टिकैत ने आज साफ शब्दों में कह दिया कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं होंगे तब तक ये आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। जिस तरह दिल्ली में हम अड़े हुए हैं उसी तरह हम अब लखनऊ में भी अपने आंदोंलन की शुरुआत करेंगे।

चुनाव लड़ने से टिकैत ने किया इंकार
चुनाव लड़ने के सवाल पर टिकैत ने जवाब दिया कि हम चुनाव नहीं लड़ेंगे। बाकि रही बात वोट देने की तो किसान उसी पार्टी को वोट करेगा जो किसानों का भला सोचेगी। बीजेपी जो हमारे साथ कर रही है उससे वो ये उम्मीद लगाना छोड़ दें कि किसानों का वोट उसे मिलेगा।

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