ये थे चार लोग जिनके कारण ध्वस्त हुआ ट्विन टावर
रिपोर्ट: प्रज्ञा झा
बीती 28 अगस्त को ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया गया। अलग-अलग मीडिया चैनल पर यह सारी चीजें दिखाई भी है ।कई ने लाइव चैनल पर दिखाया कि किस तरीके से ट्विन टावर ध्वस्त किया गया । करीबन 3700 किलोग्राम बारूद उस बिल्डिंग को गिराने में लगाए गए। चैनल ने अपने अपने तरीके से मसाला लगाकर यह दिखाने की कोशिश की कि किस तरीके से उस बिल्डिंग को गिराया गया और बिल्डिंग गिरने पर बिल्डर की क्या प्रतिक्रिया रही है वो भी सभी चैनल्स ने सबको दिखाने की कोशिश की। और बिल्डर का ये आरोप भी रहा कि कुछ चंद लोगों द्वारा रची गई साजिश के तहत इस बिल्डिंग को गिराया गया लेकिन यह अब जाकर साफ हुआ है कि वह चंद लोग कौन थे वह चार लोग जिन्होंने 10 साल से बिल्डिंग को गिराने की लिए केस लड़ा उन चारों के नाम है उदय भान सिंह ,एम के जैन ,रवि बजाज और एस के शर्मा।
ये लड़ाई शुरू हुई 2012 में जब सुपरटेक के बिल्डर ने एक जमीन खरीदी और वहां पर पार्क बनाने का प्रस्ताव रखा जिसमें कि वाटर पार्क ,ग्रीनरी और भी चार पांच चीजें बनाने को बोली गई। लेकिन उनमें से कुछ भी ना बनाकर दो बिल्डिंग जिन्हें ट्विन टावर कहा गया वह खड़ी कर दी गई। इसी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए इन चारों ने कोर्ट में केस दर्ज कराया।
- उदय भान सिंह:- उदय भान सिंह 79 साल के हैं। जो एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में रहते हैं । यह CISP के मेंबर थे और फिलहाल रिटायर्ड है । और सोसाइटी में आरडब्ल्यूए के प्रेसिडेंट है । इन्हें लोगों ने बहुत रोकने की कोशिश की यहां तक भी कहा गया कि केस दर्ज करने से कुछ नहीं होगा कुछ पैसे ले देकर इस मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा। वो लोग केस नहीं जीत पाएंगे । इतने बड़े लोग हैं, भला यह लोग केस कैसे जीतेंगे ।लेकिन हार ना मानते हुए यह लगातार आगे बढ़ते रहे और 10 साल बाद 28 अगस्त 2022 को टावर का फैसला आया और उसे ध्वस्त करने का निर्णय कोर्ट द्वारा लिया गया।
- S.k. शर्मा :- SK शर्मा फिलहाल 74 साल के हैं। और यह भी आरडब्ल्यूए के मेंबर है ।और टेलीकॉम डिपार्टमेंट में यह डिप्टी डीजी के पद पर थे। फिलहाल यह रिटायर है यह भी उस चौकड़ी के दूसरे मेंबर से जिन्होंने अपना काफी समय इस केस में लगाया और काफी निडरता से लड़ते रहे।
3.रवि बजाज:- रवि बजाज फिलहाल 65 साल के हैं।0 और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से रिटायर्ड है ।यह भी एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी नहीं रहते है। इस चौकड़ी का तीसरा हिस्सा रवि बजाज रहे । सहयोग पूरा था समय, पैसा किसी भी चीज में कमी नहीं की और अंत तक साथ रहे। - M.k Jain :- MK जैन जोकि 59 वर्ष के थे। इस चौकड़ी के सबसे जवान मेंबर फिलहाल एमके जैन चौकड़ी में नहीं है ।क्योंकि पेनडर्म एक के दौरान उनकी मौत हो गई। एमके जैन नोएडा में इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स बनाने की एक फैक्ट्री थी । एमटेक के स्टूडेंट थे इसलिए टेक्निकल दिक्कतें कहां कहां पर थी यह सारी चीजें एमके जैन को काफी अच्छे से समझ आ गई थी।
इन मेंबर्स के मिलने के बाद शुरू होती है , ट्विन टावर को गिराने की संघर्ष की कहानी । इन्होंने केस 2012 में दर्ज करवाया । जिसके बाद केस लड़ने के लिए पैसे और समय दोनों की ही जरूरत थी । अपने-अपने काम में व्यस्त होते हुए इन्होंने पूरा समय दिया और सोसाइटी की सहमति लेते हुए सभी से डोनेशन लेकर इस केस को लड़ना शुरू किया । पहले तो सिर्फ ₹500 सबसे लिए गए । जिसके बाद ₹3000 और आखिर में सबसे ₹17000 डोनेशन के तौर पर लिए गए। जिससे कि ये केस लड़ा जा सके । 10 साल के संघर्ष और पैसे देने के बाद इस चौकड़ी ने केस जीत लिया और ट्विन टावर को ध्वस्त करने का आदेश कोर्ट द्वारा दिया गया। इस चौकड़ी में अब एक मेंबर एमके जैन नहीं रहे , उनके जाने के बाद कोर्ट ने यह फैसला इस चौकड़ी के हक में दिया।
तो ये थे चारो लोग जिनके कारण ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया गया।