राजस्थान की सियासत सुधारने की आखरी कोशिश, क्या होगी कामयाब
रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा
देश में अभी चार राज्यों में चुनाव होने बाकि हैं :- राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना । अभी फ़िलहाल बात करते हैं “राजस्थान” की जहाँ पर आगामी चुनाव होने वाले हैं | ये चुनाव सुनिश्चित करेगा की क्या सच में कांग्रेस वापसी कर पाएगी या नहीं | राजस्थान का ट्रैक रिकॉर्ड हमेशा से यही रहा है, की कोई सरकार दूसरी बार नहीं आती यानि पहले भाजपा फिर कांग्रेस और अब चुनाव का नतीजा देखना बाकि है |
लेकिन कांग्रेस के राज वाले दूसरे राज्यों की तरह यहाँ भी पार्टी के अंदर ही खींचतान जारी है | सचिन पाइलट 31 मई का आखरी अल्टीमेटम दे चुके हैं की मांग को पूरी की जाए। मांग यही की मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम दिया जाए | साथ ही ये भी कहा गया है की अगर ऐसा नहीं हुआ तो पायलट के समर्थक गांव में हर जगह जाकर इसका विरोध प्रदर्शन करेंगे | लेकिन दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत अपनी जिद को छोड़ने को तैयार नहीं हैं |
अब ये पार्टी हाईकमान के लिए मुशीबत बनती जा रही है। इन दोनों के बिच की खटास को दूर करने के लिए सचिन पायलट , मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत , कुलदीप इंदौरी, गोविन्द सिंह डोटासरा जैसे दिग्गज नेताओं को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे की अगुवाई में होने वाली बैठक में दिल्ली के लिए बुलावा भेजा गया है | इस बैठक का मुद्दा भले चुनाव हो लेकिन इसके बिच दोनों मंत्रियों के मनमुटाव को सुलझाने का इरादा नज़र आ रहा है |
सचिन पायलट और अशोक गेहलोत दोनों ही पार्टी के कद्दावर नेताओं में आते हैं और एक भी अगर बगावत करता है, तो पार्टी का वोट बैंक हाथ से जा सकता है | क्यूंकि सचिन गुज्जर समुदाय से आते है और युवाओं में अच्छी पकड़ रखते हैं , वहीं पर गेहलोत पार्टी के बहुत पुराने नेता हैं और सरकार चलने का अनुभव रखते है, सर्व समाज के नेता भी मने जाते हैं |
अब देखना ये बनता है की आखिर इस बैठक के बाद पार्टी में चल रही परेशानियां ख़त्म होती हैं या पायलट का अल्टीमेटम कांग्रेस के लिए मुशीबत बन जाएगा