रूस और उत्तर कोरिया की नजदीकियां कर रही अमेरिका को परेशान
रिपोर्ट – प्रज्ञा झा
रूस के राष्ट्पति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के लीडर किम जोंग उन की जल्द ही मुलाकात होने वाली है। इस मुलाकात ने कई देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं जीसमें अमेरिका सहित उसके सहियोगी भी शामिल हैं। दोनों ही देशों को अभी एक दूसरे की जरुरत है। दोनों पडोसी देशों को अलग अलग जरूरतें हैं। दरसल उत्तर कोरिया की सीमाएं पिछले चार सालों से बंद हैं और चार सालों के बाद किम जपंग अपने देश से बहार निकले हैं। इसका सबसे बड़ा कारण हैं उत्तर कोरिया में भुखमरी। उत्तर कोरिया में तमाम तरह के प्रतिबन्ध दूसरे देशों द्वारा लगाए गए हैं। साथ ही 2019 में अमेरिका के साथ अपनी वार्ता के फ़ैल होने के कारण कोरिया अन्य देशों से अलग थलग हो चूका है। इसके चलते उत्तर कोरिया में भुखमरी जैसी स्थिति उभर चुकी है। इससे अपने देश को निकलने के लिए किम रूस पहुंचे हैं।
जहाँ वो रूस से सबसे पहले अनाज की मांग कर सकते हैं साथ ही हथियारों की भी जरुरत कोरिया को है। वहीँ दूसरी तरफ रूस को भी उत्तर कोरिया की जरुरत है क्यूंकि रूस को यूक्रेन से जंग में बने रहने के लिए गोला और बारूद की जरुरत है। इन दोनों ही चीजों की कमाई उत्तर कोरिया के पास नहीं है। तो रूस उत्तर कोरिया से बारूद की मांग कर सकता है।
जानकारी के लिए बता दें की किम जोंग मंगलवार को रूस भी पहुँच चुके हैं। वो भी अपनी बुलेटप्रूफ ट्रैन में अपने विदेश मंत्री “चोई सुन हुई” और साथ ही दो मिलिट्री ऑफिशल्स के साथ। अटकलें ये भी हैं की किम जोंग रूस से एडवांस सॅटॅलाइट और पनडुब्बियों की भी मांग कर सकता है।
पुतिन फिलहाल व्लादिवोस्टोक में हैं एनुअल इकनोमिक फोरम के लिए। इस बीच क्रेमलिन के स्पोकपर्सन डम्रित्य पेस्कोव ने बताया की रूस और उत्तर कोरिया के बीच कुछ गंभीर चर्चाएं हो सकती हैं।
अमेरिका ने उत्तर कोरिया को चेतावनी भी दी है की अगर उसने रूस को हथियार दिए तो उसके लिए आने वाला समय अच्छा नहीं होगा। पेस्कोव ने अमेरिका की इस धमकी का जवाब देते हुए कहा है की पुतिन और जोंग दोनों ही वाशिंगटन की इस धमकी को अनदेखा कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा की हमारी प्राथमिकता है दोनों देशों के बीच समन्वय बनाए रखना न की वहशींग्टन की धामकियों से डरना।
रूस और अमेरिका की दुश्मनी के बारे में कौन अवगत नहीं है। हर देश जानता है की अमेरिका और रूस कभी एक साथ नहीं हो सकते। साथ ही अब उत्तर कोरिया के साथ अमेरिका के व्यहवार ने उसे रूस के करीब धकेलना शुरू कर दिया है। उत्तर कोरिया और रूस दोनों को ही एक दूसरे की जरुरत है और दोनों को ही एक दूसरे का साथ देना पड़ेगा।