सपा ने ब्राह्मण कार्ड खेलकर चला एक नया दांव
REPORT : NATIONAL KHABAR
लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को पीडीए से मिली सफलता के बाद अब उपचुनाव के ठीक पहले पार्टी ने ब्राह्मणों पर फोकस करना शुरू कर दिया है। इसी कारण अब वह ब्राह्मण कार्ड चल रही है।
राजनीतिक जानकारों ने बताया कि हाल में ही सपा ने माता प्रसाद पाण्डेय को नेता प्रतिपक्ष बनाकर ब्राह्मण वोटों को अपने पाले में लाने के प्रयास तेज किए हैं। ब्राह्मण आबादी सीटों में मिली सफलता के बाद सपा की उम्मीदें जगी है। इसी कारण ब्राह्मणों के साथ होनी वाली घटनाओं में सपा का प्रतिनिधिमंडल जा रहा है। राजधानी से सटे बंथरा में हुई घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार से लेकर स्थानीय लोगों को घेरा है।
हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा का उठाया मुद्दा इसके अलावा ब्राह्मणों के बड़े नेताओं में शुमार दिवंगत पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे को सपा ने सोशल मीडिया से लेकर सदन तक उठाया।
अब इस कार्यक्रम में पार्टी के दिग्गज नेता शामिल होने पहुंच रहे हैं। इसके साथ पार्टी ने छोटे लोहिया के नाम से मशहूर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र की जयंती मनाने का निर्णय लिया है। इसके मदतेनज़र पार्टी ने सभी जिला व शहर इकाइयों को निर्देश दिए हैं।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि यूपी में कुछ समय बाद होने वाले विधानसभा उपचुनाव में सपा ने ब्राह्मण कार्ड खेलकर एक नया दांव चला है। इस रणनीति को पार्टी ने (एक्सपेरिमेंट)के तौर पर अपनाने का निर्णय लिया है। अगर सफलता मिली तो 2027 में इसे जारी रखा जा सकता है। सपा प्रवक्ता पूजा शुक्ला का कहना है कि सपा सभी वर्ग को आगे लेकर चलती है। जो पीडीए का फॉर्मूला था, उसमें पीड़ित शोषित और पिछड़े-अगड़े भी शामिल हैं। बड़ी संख्या में सपा से ब्राह्मण जुड़े हैं। पूरे राज्य में ब्राह्मणों का शोषण और दमन हो रहा है। जगह-जगह हत्याएं हो रही हैं। सपा पीडीए में जितने पिछड़े को मौका दे रही है। उतने अगड़ों को भी। वह अपने फार्मूले पर कायम है।