सुरों के सरताज ए आर रहमान ने हिंदू धर्म छोड़ क्यों किया इस्लाम धर्म कबूल
रिपोर्ट : मानसी त्यागी
ए.आर रहमान यानि की सुरों के बादशाह संगीत की एक ऐसी हस्ती हैं जिन्होंने अपना खुद का अलग मुकाम बनाया है, अपने रूहानी संगीत से 2 ऑस्कर, 2 ग्रामी, 15 फिल्मफेयर और भी ना जाने कितने अवार्ड अपने नाम कर चुके हैं। लेकिन कुछ लोगों को ही इस बात की जानकारी है कि ए आर रहमान पहले हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते थे
– ए आर रहमान का बचपन
आपको बता दें कि ए आर रहमान को संगीत की शिक्षा विरासत में मिली है इनके पिता आरके शेखर मलयालम फ़िल्मो के म्यूजिक कंपोजर थे, ए आर रहमान अपने पिता के साथ घंटों तक म्यूजिक स्टूडियो मे ही रहा करते थे जहां इन्होंने कई म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट भी बजाने सीखे।
इन पर दुखों का पहाड़ जब टूटा जब इनके सर से अपने पिता का साया उठ गया, पिता की मृत्यु के बाद इनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब रहने लगी, इसी दौरान इनकी बहन गंभीर बीमारी की चपेट में आ गई।
– इस्लाम धर्म कब अपनाया
पिता की मृत्यु के बाद इनकी बहन बहुत बीमार हुई, वह एक गंभीर बीमारी का शिकार हो गई डॉक्टरों का इलाज भी बीमारी पर कोई असर नहीं कर रहा था, तभी ए आर रहमान की मां एक फकीर के पास गई और फकीर की दुआ से इनकी बहन पूरी तरह स्वस्थ हो गई और इतना ही नहीं इनके घर की स्थिति भी धीरे-धीरे सुधरने लगी।
आपको बता दें तभी से ए आर रहमान का विश्वास फकीर, दरगाह, मस्जिद और इस्लाम मे अटूट होता चला गया, लेकिन आपको यह भी जानकारी दे दें कि ए आर रहमान मद्रास के हिंदू परिवार में जन्मे थे इनका नाम दिलीप शेखर था। जैसे ही इनकी आस्था इस्लाम धर्म की तरफ ज्यादा अटूट हुई तभी 1989 में लगभग 23 साल की उम्र मे ए आर रहमान ने इस्लाम धर्म को कबूल कर लिया।
– नाम रखने की दिलचस्प कहानी
दरअसल जब ए आर रहमान ने इस्लाम धर्म कबूल किया तो वह अपना नाम बदलने के लिए यानी कि दिलीप शेखर से अपना नाम ए आर रहमान रखने के लिए ज्योतिष के पास गए, तो ज्योतिष ने उन्हें 2 नाम का सुझाव दिया अब्दुल रहमान और अब्दुल रहीम, दिलीप को रहमान नाम काफी पसंद आया तो उन्होंने अब्दुल ना रखकर अल्लाह रख्खा जोड़ दिया। तभी से दिलीप का नाम अल्लाह रख्खा रहमान मशहूर हुआ।