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स्टार्टअप मामले में भारत ने चीन को छोड़ा पीछे, 2022 में 23 कंपनियों को यूनिकॅार्न का दर्जा

नेशनल खबर डेस्क

आर्थिक विकास के क्षेत्र में भारत लगातार नए-नए कीर्तिमान बना रहा है। केंद्र सरकार की सुधार वाली नीतियां स्टार्टअप सेक्टर को लगातार सुविधाएं और प्रोत्साहन दे रही हैं, यही वजह है कि आज देश में यूनिकॉर्न यानि एक 1 अरब डॉलर के मूल्यांकन वाली कंपनियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।


आपको जानकर खुशी होगी कि देश में यूनिकॉर्न की संख्या ने चीन को लगातार दूसरी बार पीछे कर दिया है। भारत में 2022 में 23 कंपनियों को यूनिकॉर्न का दर्जा मिला था जबकि इस दौरान चीन में एक अरब डॉलर के मूल्यांकन वाले ऐसे स्टार्टअप की संख्या केवल 11 रही।


आज वैश्विक स्तर पर हर 10 में से 1 यूनिकॉर्न का उदय भारत में होते नज़र आ रहा है। ये इस बात का प्रमाण है कि भारत में उद्यमशीलता की भावना आज देश के कोने-कोने में मौजूद है।

आईवीसीए-बेन एंड कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक अब भारत में उच्च मूल्य वाली इन कंपनियों की संख्या कुल 96 हो गई है।


रिपोर्ट की मानें तो इस साल 23 यूनिकॉर्न में से नौ शीर्ष तीन महानगरों को छोड़कर दूसरे शहरों से मिली हैं। यह बताता है कि वित्तपोषण अब छोटे शहरों में काम करने वाले स्टार्टअप को भी दिया रहा है।
कुल वित्तपोषण में छोटे शहरों के स्टार्टअप को मिलने वाला वित्तपोषण अब 18 प्रतिशत तक बढ़ गया है।


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बेन एंड कंपनी ने यह वार्षिक रिपोर्ट इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन यानी आईवीसीए के साथ मिलकर तैयार की गई है।

इसमें कहा गया कि घरेलू स्टार्टअप परिवेश में सौदे के मूल्य में 33 प्रतिशत तक का संकुचन आने के बावजूद भी देश ने 23 यूनिकॉर्न जोड़ दिये।

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