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हरियाणा प्रदेश के गुरुग्राम को एक नूतन स्वामिनारायण मंदिर की भेंट मिली ।

  1. गुरुग्राम में प्रतिष्ठित हुआ भव्य नूतन स्वामिनारायण मंदिर
  2. बी.ए.पी.एस. स्वामिनारायण मंदिर, गुरुग्राम में अभूतपूर्व मूर्ति प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न
  3. “अध्यात्म, संस्कार, शिक्षा का आधार बनेगा यह मंदिर” पूज्य विवेकसागर स्वामी
  4. तीन माह के भीतर हरियाणा को दूसरे बी.ए.पी.एस. मंदिर की भेंट

Report: Desk Report, National Khabar

6 जुलाई 2024, गुरुग्राम,:- हरियाणा प्रदेश के गुरुग्राम को आज एक नूतन स्वामिनारायण मंदिर की भेंट मिली । इस मंदिर का निर्माण विश्वप्रसिद्ध बोचासणवासी श्री अक्षरपुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था (BAPS, अक्षरधाम दिल्ली संस्थान) ने किया है । यह वह संस्था है जिसने हाल ही अबूधाबी (UAE) और अमेरिका में सबसे बड़े मंदिर का निर्माण किया है । इस कार्यक्रम में संस्था के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक एवं वरिष्ठ संत पूज्य ईश्वरचरण स्वामी तथा पूज्य विवेकसागर स्वामी के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे ।

गौरतलब है कि संस्था के अध्यक्ष गुरुहरि विश्ववंदनीय संत परम पूज्य महंतस्वामीजी महाराज द्वारा इन मूर्तियों की पूजन विधि 28 अप्रैल, 2024 में सारंगपुर, गुजरात में की गई थी ।

यहाँ गुरुग्राम में वरिष्ठ सद्गुरु संत पूज्य ईश्वरचरण स्वामी तथा पूज्य विवेकसागर स्वामी के कर-कमलों द्वारा विधिवत इस महोत्सव का शुभारम्भ कल प्रात: ९ बजे हुआ था । मंदिर परिसर में महापूजा और विश्व-शांति महायज्ञ की पूर्णता के बाद संध्या समय विशाल नगर यात्रा निकाली गई । संतों- हरिभक्तों के अतिरिक्त, रंग-बिरंगी पोषाकों में महिलाओं तथा बच्चों ने भी इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया । शीश पर कलश उठाये यह समुदाय कीर्तन-नृत्य करता हुआ सेक्टर ४६ की गलियों में अक्षर पुरुषोत्तम भगवान की पालकी लेकर शोभायात्रा में शरीक हुआ। नगरजनों में भी झांकी का लाभ लिया ।

आज, सुबह ९ बजे सारंगपुर, गुजरात से पधारे विद्वानों ने इन मूर्तियों की स्थापना हेतु वैदिक मंगलाचरण, शांतिपाठ, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किये गए । गुरुग्राम क्षेत्र के सेक्टर ४६ में श्री स्वामिनारायण धाम, ग्रीनवुड सिटी, ब्लाक डी-ई-एफ में प्रतिष्ठित यह मंदिर हरियाणा राज्य का अनुपम नजराना है ।

इस समारोह में अनेक विशिष्ट व्यक्तियों के साथ दिल्ली अक्षरधाम से सत्संगी-जन एवं संत उपस्थित थे । पूज्य धर्मवत्सलदास स्वामी ने अपने प्रवचन से सभी को धर्मलाभ दिया । पूज्य मुनिवत्सलदास स्वामी ने गुरुग्राम क्षेत्र में सत्संग के जन्म और विस्तार की हृदयस्पर्शी यात्रा का उल्लेख किया । उन्होंने बताया कि “गुरुग्राम के भक्तों के अथक प्रयास ने ही इस मंदिर की आधारशिला रखी है ।”

वरिष्ठ सद्गुरु संत पूज्य विवेकसागर स्वामी ने बताया कि “बी.ए.पी.एस. संस्था के द्वारा विश्व में १४०० से अधिक मंदिरों का निर्माण किया गया है । मंदिरों का उद्देश्य सभी का सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण करना है । यह मंदिर अध्यात्म, संस्कार, शिक्षा का आधार बनेगा ।” पूज्य ईश्वरचरण स्वामी ने मंदिर की परिभाषा बताते हुए कहा कि “जहाँ मन स्थिर हो, वह मंदिर होता है । गुरुग्राम गुरु द्रोणाचार्य का गाँव था, अत: यह पवित्र भूमि युगों से इष्ट-प्रेम और गुरु-भक्ति में तल्लीन है । आज, इसी गुरु-शिष्य धरोहर ने मंदिर का रूप लिया है ।”

आपको बता दें कि हरियाणा राज्य में पंचकूला और कुरुक्षेत्र में भी बी.ए.पी.एस. मंदिर निर्माणाधीन हैं । गुरुग्राम मंदिर का निर्माण कार्य २९ मार्च, २०२१ में आरम्भ हुआ था । इन तीन वर्षों में स्थानीय हरिभक्तों ने अपने गुरु परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में अपने नि:स्वार्थ श्रम से इस निर्माण कार्य पूर्ण किया है ।

गुरुग्राम में निर्मित यह नवीन मंदिर सदैव सेवा, चरित्र, भक्ति, प्रेम, संवादिता, मैत्री और सौहाद्र आदि पारिवारिक भावनाओं के विस्तार का अपना दायित्व पूरा करेगा ।

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