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कौन हैं अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस, जिसने पीएम के जरिए बोला है ‘राष्ट्र पर हमला’?

Report: National Khabar

एक देश ने जिसे आर्थिक युद्ध का अपराधी कहा जाता है, उसने भारत के लोकतंत्र और भारतीय पीएम मोदी के खिलाफ जंग छेड़ दी है। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने हंगरी मूल के अमेरिकी अरबपति कारोबारी जॉर्ज सोरोस की मंशा पर अब सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने कहा कि वो भारत के खिलाफ लंबे समय से अपना ये एजेंडा चला रहे हैं।


असल में जॉर्ज सोरोस उस शख्सियत का नाम है जिसने यह कहने से भी एतराज नहीं किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत तानाशाही व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और नागरिकता संसोधन कानून यानी CAA का भी विरोध किया था। उनका हाल ही का बयान गौतम अडानी की कंपनियों के विरुद्ध आई हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट को लेकर आया है। उन्होंने कहा कि अडानी का पीएम मोदी के साथ इतने अच्छे संबंध है कि दोनों एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं।


वहीं बीजेपी ने इसकी कड़ी आलोचना की है। बीजेपी सोरोस के बयान को भारत के लोकतांत्रिक ढांचे में दखल देने की कोशिश बता रही है। चलिए आपको बताते हैं कौन हैं कथित तौर पर भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाले जॉर्ज सोरोस…
जॉर्ज सोरोस ने 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में जन्म लिया था। वो सटोरिए, शेयरों के निवेशक और व्यापारी भी हैं। लेकिन वो खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता कहलवाना ज्यादा पसंद करते हैं।


जॉर्ज सोरोस ने 2004 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश को अमेरिका का राष्ट्रपति न बनने देने के लिए भारी चंदा दिया था। इसे दुनिया की सारी यूनिवर्सिटी के लोगों के लिए स्टडी और रिसर्च का प्लैटफॉर्म बताया गया था।
हालांकि, यह कितना सही था इस बात अंदाजा इसी बात से हो जाता है कि सोरोस ने इसकी स्थापना पर यह कहा था कि वह दुनियाभर के तानाशाहों से निपटने के लिए इसकी स्थापना कर रहे हैं।
इतना ही नहीं तानाशाहों की लिस्ट में कई प्रधानमंत्री और कई राष्ट्रपति थे। और तो और बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद करने में इन महाशय का पूरा-पूरा हाथ था। इन्हें आर्थिक युद्ध अपराधी भी घोषित किया जा चुका है।

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