हेल्थ एंड फिटनेस

याददाश्त कमजोर, बदहजमी की समस्याएं: रोज़ 3-4 लीटर पानी पिएं, बुढ़ापा जल्दी नहीं आएगा।

ठंड मौसम में प्यास कम लगती है। मौसम का पारा नीचे होने की वजह से शरीर को पानी की कमी का पता नहीं चल पाता है। बाहर भले ही सर्द हो लेकिन पानी की कमी की वजह से शरीर में दिक्कत शुरू हो जाती है।
जब पानी नहीं पीते है तो शरीर कई तरह की प्रतिक्रियाएं करता है। साथ ही बाॅडी में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं।
शरीर सही तरीके से काम करें, इसके लिए जरूरी है। कि शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा को बनाकर रखा जाए।

हाइलाइट्स

डिहाइड्रेशन

कंफ्यूजन बढ़ना और काम पर फोकस कम होना

तेजी से थकना

डाइजेशन में प्रोब्लम

यूटीआई इंफेक्शन की वजह से बनता कम पानी।

डिहाइड्रेशन


पानी नहीं पीने का सबसे जल्दी असर डिहाइड्रेशन के रूप में देखने को मिलता है। डिहाइड्रेशन होने पर शरीर से पानी अधिक निकलता है। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। और शरीर के कई फंक्शन ठीक से काम नहीं करते हैं। हल्के डिहाइड्रेशन में मुंह का सूखना गहरे रंग का यूरीन पास होने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। जबकि गंभीर होने पर चक्कर आना, बेहोशी, भ्रम और दिल की धड़कन तेज हो जाता है।

कंफ्यूजन बढ़ना और काम पर फोकस कम होना।


माइल्ड डिहाइड्रेशन में चेतना के स्तर पर व्यक्ति का दिमाग ठीक से काम नहीं करता है। उसका मूड बदलता रहता है। रिसर्च में ये सामने आया कि डिहाइड्रेशन से एकाग्रता घटता है और याददाश्त पर असर पड़ता है। असल में शरीर में फल की कमी होने की वजह से दिमाग में ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है जिससे दिमाग की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।

तेजी से थकावट


शरीर में जल की कमी होने से व्यक्ति किसी काम को आसानी से नहीं कर पाता है। जिससे फिजिकल परफार्मेंस
पर असर पड़ता है। खासकर शारीरिक मेहनत और वर्कआउट के काम में शरीर को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। शरीर में पानी कीकमी होने से ब्लड वाॅल्यूम कम होता है जिससे मांसपेशियों तक न्यूट्रिएंट्स और आक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच पाते। इसकी वजह से ताकत सहनशक्ति और एथलेटिक परफार्मेंस में कमी आती है। साथ ही डिहाइड्रेशन से शारीरिक परिश्रम के दौरान मांसपेशियों में ऐंठन, गमी से थकावट और हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।


डाइजेशन में गड़बड़ी


पानी सिर्फ बाॅडी में नमी‌ को बरकरार नहीं रखता बल्कि खाना पचाने में भी उसकी बड़ा योगदान होता है। पानी पेट कि सेहत को बनाएं रखता है। पानी कम पीने की वजह से व्यक्ति अपच, कब्ज जैसे समस्याओं का शिकार होता है। पानी पेट कि गंदगी को बाहर करने और उसकी गतिविधि को सुचारू बनाए रखने में मदद करता है अगर पर्याप्त मात्रा में पानी न पिया जाए तो यूरीन, स्टूल पास करने दिक्कत आएगी और व्यक्ति गैस्ट्रिक अल्सर सहित कई डाइजेस्टिव समस्याओं से घिर जाएगा। इसलिए स्वास्थ्य एक्सपर्ट सबको दिन भर में 3-4 लीटर पानी पीने की सलाह देते हैं।


यूटीआई इंफेक्शन की वजह बनता कम पानी।

यूटीआई टैक्ट हेल्थ और इंफेक्शन से बचने के लिए भी बाॅडी में पर्याप्त पानी की जरूरत होती है। जब व्यक्ति पानी कम पीता है। तो यूरीन एसिडिक हो जाता है। इससे ब्लैडर और यूरएथआ में इरीटेशन होती है और यूटीआई टैक्ट में इंफेक्शन यानी यूटीआई की समस्याएं बढ़ जाती है। अधिक से अधिक पानी पीने से यूरीन के जरिए शरीर से जहरीला तत्व बाहर निकलता है और यूटीआई का जोखिम कम हो जाता है

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