Creators Award: जया किशोरी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूछा लोगों के डर से जुड़े सवाल, कथावाचक ने सीधे अंदाज में ऐसे दिया ‘गीता ज्ञान ‘
जया किशोरी PM नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार (नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड) प्रदान किए। PM ने इस दौरान मशहूर कथावाचक जया किशोरी को भी इस अवार्ड से सम्मानित किया। PM ने उनसे मंच पर ही बातचीत भी की। PM ने कहा कि लोगों को लगता है कि अध्यात्म का मतलब झोला लेकर चले जाना है। आप उसका रास्ता बताइये।
Written By: Shridhi, Edited By: Pragya Jha
Digital: दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में pm मोदी ने शुक्रवार को रचनात्मक पुरस्कार (नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड) दिया है। देश की 23 युवा हस्तियों को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया। जिन हस्तियों को ये सम्मान मिला है। उनमें मैथिली ठाकुर, रणवीर अल्लाहबडिया, आरजे रौनक पंक्ति पांडे और अंकित बैयानपूरिया का नाम भी शामिल हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मशहूर कथावाचक जया किशोरी को भी इस अवार्ड से सम्मानित किया। जया किशोरी को सर्वश्रेष्ठ रचनाकार के तौर पर किया गया। अवार्ड दिए जाने के दौरान प्रधानमंत्री ने विजेताओं से बातचीत भी की। प्रधानमंत्री और अवार्ड विनर के बीच हुई बातचीत के वीडियो क्लिप वायरल हो रहे हैं। मंच पर आई जया किशोरी से प्रधानमंत्री ने अपने बारे में कुछ बताने के लिए कहा था। इस दौरान कथावाचक ने ‘गीता ज्ञान’ दिया।
जया किशोरी ने प्रधानमंत्री को बताया, ‘मै कथावाचक हू’ श्रीमद्भागवत करती , गीता जी पर बातें करती हूं। मेरा बचपन इन्हीं चीजों से गुजर है। मेरे अंदर जो बदलाव आए, जैसे – सुकून शांति या खुशी , वो इसी से आया है
” हमारी सोच है कि भगवान से जुड़ाव बुढ़ापे का काम है। मुझे लगता है ये सबसे ग़लत सोच है। सबसे ज्यादा अध्यात्म की जरूरत युवाओं को है। अगर मैं मटेयरलिस्टिक लाइफ के साथ आध्यात्मिक जीवन जी सकती हूं तो हर युवा जी सकता है।
प्रधानमंत्री की बातें सुनकर हंसे लोग
प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि लोगों को लगता है कि अध्यात्म का मतलब झोला लेकर चले जाना है। आप उसका रास्ता बताइये। ये सुनकर सभी हंसने लगते हैं। जया किशोरी जी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से कहती हैं ‘ऐसा बिल्कुल नहीं है, क्योंकि सबसे बड़ा आध्यात्मिक ज्ञान क्षीमद भागवत गीता है। वो एक ऐसे व्यक्ति को सुनाई जा रही है जो अर्जुन है। अर्जुन राजा बनने वाले हैं। राजा से ज्यादा ऐश्वर्य किसी के पास नहीं होता है। गीता में भगवान कृष्ण ने ये नहीं कहा था कि राज छोड़ दो उन्होंने कहा था कि जहां भी हो अपना धर्म पूरा करो ।