अहमदाबाद हादसे पर AAIB की रिपोर्ट: फ्यूल कंट्रोल स्विच की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अहमदाबाद हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कई गंभीर त्रुटियां उजागर हुई हैं
Written by Himanshi Prakash, National Khabar
अगर एयर इंडिया ने 2018 में अमेरिकी एजेंसी की सलाह मान ली होती, तो शायद अहमदाबाद विमान हादसे से बचा जा सकता था। इस भीषण हादसे की जांच कर रहे विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट में चौंकाने वाला सच सामने आया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी संघीय विमान प्रशासन (FAA) ने सात साल पहले एयर इंडिया को इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर अहम सलाह दी थी, लेकिन एयर इंडिया ने इसे नजरअंदाज कर दिया। एयर इंडिया का कहना था कि एफएए की ओर से जारी की गई यह केवल एक सलाह थी, कोई अनिवार्य निर्देश नहीं, इसलिए इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच का निरीक्षण नहीं कराया गया।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी संघीय विमान प्रशासन (FAA) ने 17 दिसंबर 2018 को स्पेशल एयरवर्थीनेस इन्फॉर्मेशन बुलेटिन (SAIB) NM-18-33 जारी किया था। इसमें चेतावनी दी गई थी कि विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच का लॉकिंग फीचर निष्क्रिय हो सकता है। यह सलाह बोइंग 737 मॉडल के कुछ ऑपरेटरों की रिपोर्ट पर आधारित थी, जिनमें बताया गया था कि इन विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच का लॉकिंग फीचर काम नहीं कर रहा था।
हालांकि, एफएए ने अपनी सलाह में इस समस्या को असुरक्षित नहीं माना था, इसलिए उसने कोई एयरवर्थीनेस डायरेक्टिव (AD) जारी करने की जरूरत नहीं समझी। एयरवर्थीनेस डायरेक्टिव आमतौर पर विमान, इंजन, प्रोपेलर या उपकरण में पाई गई किसी असुरक्षित स्थिति को ठीक करने के लिए जारी किया जाता है।
रिपोर्ट में बताया गया कि अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुए विमान में भी ऐसा ही फ्यूल कंट्रोल स्विच लगा था। जांच में सामने आया कि एयर इंडिया ने एफएए की सलाह के बावजूद लॉकिंग फीचर का निरीक्षण नहीं कराया। एयर इंडिया का कहना था कि चूंकि एफएए की यह सिर्फ सलाह थी, कोई अनिवार्य निर्देश नहीं, इसलिए फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच नहीं की गई।
फ्यूल कंट्रोल स्विच में नहीं मिली कोई खराबी
एयर इंडिया के विमान के रखरखाव रिकॉर्ड की जांच में सामने आया कि हादसे का शिकार विमान का थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल 2019 और 2023 में बदला गया था, हालांकि यह बदलाव फ्यूल कंट्रोल स्विच से जुड़ा नहीं था। साथ ही, 2023 के बाद से अब तक विमान में फ्यूल कंट्रोल स्विच से जुड़ी कोई खराबी दर्ज नहीं हुई।
इंजन फ्यूल कटऑफ बनी हादसे की प्रारंभिक वजह
AAIB की रिपोर्ट में हादसे की प्राथमिक वजह इंजनों में ईंधन की आपूर्ति बंद होना बताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर की जांच में पता चला कि उड़ान के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजनों ने काम करना बंद कर दिया, क्योंकि उन्हें ईंधन मिलना बंद हो गया था। सीसीटीवी फुटेज में रैम एयर टर्बाइन (RAT) सक्रिय होने और विमान में बिजली आपूर्ति बाधित होने के संकेत भी मिले।
विमान दुर्घटना के बाद अब तक की जांच में क्या हुआ
→ ड्रोन द्वारा फोटो/वीडियो रिकॉर्डिंग सहित दुर्घटनास्थल के सभी निरीक्षण कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं, और विमान का मलबा सुरक्षित तरीके से निकटवर्ती एयरपोर्ट परिसर के एक निर्धारित क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है।
→ दोनों इंजनों को मलबा स्थल से हटाकर हवाई अड्डे के हैंगर में सुरक्षित रखा गया।
→ जांच के लिए महत्वपूर्ण हिस्सों की पहचान कर उन्हें अलग किया गया।
→ विमान में इस्तेमाल हुए बोजर और टैंकों से लिए गए ईंधन के नमूने DGCA की लैब में जांचे गए और वे संतोषजनक पाए गए।
→ APU फिल्टर और बाएं पंख के रिफ्यूल/जेटसन वाल्व से सीमित मात्रा में ईंधन के नमूने लिए गए हैं, जिनका परीक्षण ऐसी सुविधा में होगा जो कम मात्रा में भी परीक्षण कर सके।
→ EAFR से डाउनलोड किए गए डेटा का विस्तार से विश्लेषण किया जा रहा है।
→ जांचकर्ताओं ने गवाहों और जीवित यात्री के बयान दर्ज कर लिए हैं।
→ चालक दल और यात्रियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का विश्लेषण जारी है ताकि एयरोमेडिकल निष्कर्षों को इंजीनियरिंग जांच से मिलाया जा सके।
→ प्रारंभिक सुरागों के आधार पर अतिरिक्त जानकारी भी जुटाई जा रही है।
→ फिलहाल B787-8 या GE GEnx-1B इंजन ऑपरेटरों और निर्माताओं के लिए कोई अनुशंसित कार्रवाई जारी नहीं की गई है।
→ जांच जारी है और टीम अन्य दस्तावेज़ों, सबूतों और सूचनाओं की समीक्षा और विश्लेषण करती रहेगी।
12 जून को हुआ था हादसा
यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, जो एयर इंडिया के बेड़े का अत्याधुनिक विमान था, 12 जून को अहमदाबाद के मेघाणीनगर से उड़ान भरने के महज कुछ सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 12 क्रू सदस्य भी शामिल थे। यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 1 कनाडाई और 7 पुर्तगाली नागरिक थे। हादसे के दौरान मेघाणीनगर में मौजूद कई लोग भी इसकी चपेट में आकर घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।