सेंधा नमक: व्रत में स्वाद भी, सेहत भी, और आस्था भी

सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखने वाले लोग अक्सर सेंधा नमक का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि इसे शुद्ध और प्राकृतिक माना जाता है। व्रत में इसका सेवन करने से शरीर को जरूरी मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम मिलते हैं। यह आसानी से पच जाता है और खाने का स्वाद भी बढ़ा देता है।
Written by Himanshi Prakash, National Khabar
सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। इस समय शिव भक्त पूरी श्रद्धा के साथ व्रत और पूजा करते हैं ताकि भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। बता दें कि इस साल सावन का समापन 9 अगस्त को होगा। पूरे महीने में जितने भी सोमवार आते हैं, भक्त भगवान शिव के लिए व्रत रखते हैं और इस दौरान सात्विक भोजन करते हैं।
व्रत के दौरान भोजन में कुछ ही चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता है, और उन्हीं में से एक है सेंधा नमक। यह केवल एक नमक नहीं, बल्कि धार्मिक मान्यताओं और सेहत दोनों के लिहाज़ से बेहद खास माना जाता है। आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। इसमें हम आपको बताएंगे कि व्रत में सिर्फ सेंधा नमक को ही क्यों विशेष महत्व दिया जाता है, और इसे खाने से सेहत को कौन-कौन से फायदे मिलते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
व्रत में क्यों किया जाता है सेंधा नमक का इस्तेमाल?
व्रत के दौरान हमेशा सेंधा नमक का ही उपयोग करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि सेंधा नमक पूरी तरह प्राकृतिक और शुद्ध होता है। आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले नमक को तैयार करने में कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं, जबकि सेंधा नमक बिना किसी मिलावट के मिलता है। यही वजह है कि इसे फलों की तरह प्राकृतिक माना जाता है और इसे खाने से व्रत खंडित नहीं होता।
जरूरी मिनरल्स से भरपूर
सेंधा नमक में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे अहम मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो व्रत के दौरान शरीर की पोषण जरूरतों को पूरा करते हैं। यह शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
बिल्कुल शुद्ध और मिलावट रहित
व्रत में हमेशा शुद्ध चीजों के सेवन की सलाह दी जाती है। सेंधा नमक पूरी तरह प्राकृतिक होता है और इसमें किसी भी तरह के प्रिज़रवेटिव या केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता। यही कारण है कि इसे व्रत के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
पचाने में आसान
व्रत में खाए जाने वाले साबूदाना, कुट्टू का आटा, फल और सूखे मेवे जैसी चीज़ें आसानी से पच जाती हैं। सेंधा नमक न सिर्फ इनका स्वाद बढ़ाता है, बल्कि पाचन में भी मदद करता है।
स्वाद में प्राकृतिक
व्रत के दौरान सीमित और साधारण चीज़ें खानी होती हैं, जिनका स्वाद कई बार फीका लग सकता है। सेंधा नमक अपने हल्के और मिट्टी जैसे प्राकृतिक स्वाद से सात्विक भोजन को भी स्वादिष्ट बना देता है।
तन-मन की शुद्धता का प्रतीक
सावन का व्रत केवल भूखे रहने के लिए नहीं, बल्कि शरीर और मन की शुद्धता के लिए भी रखा जाता है। सेंधा नमक खाना इसी परंपरा का हिस्सा है, जो न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि आत्मिक शांति भी प्रदान करता है।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या या उपचार से पहले कृपया अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। नेशनल खबर इस जानकारी की पूर्ण सत्यता, सटीकता या प्रभाव के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।