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Liquor Policy Delhi News: केजरीवाल की शराब नीति की साजिश में सीबीआई की अंतिम चार्जशीट

सीबीआई ने दिल्ली शराब नीति घोटाले की जांच पूरी की है। राउज एवेन्यू कोर्ट में जांच एजेंसी ने पांचवीं और अंतिम चार्जशीट दाखिल की है।

Written By: Prakhar Srivastava, National Khabar

सीबीआई ने दिल्ली शराब नीति घोटाले की जांच पूरी की है। राउज एवेन्यू कोर्ट में जांच एजेंसी ने पांचवीं और अंतिम चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले से ही शराब नीति बनाने और लागू करने की आपराधिक साजिश में शामिल थे। वे पहले से ही शराब नीति को निजीकरण करने की सोच रहे थे। चार्जशीट के अनुसार, केजरीवाल ने मार्च 2021 में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शराब नीति बनाते समय कहा था कि पार्टी को पैसे चाहिए। अपने करीबी और आम आदमी पार्टी के मीडिया और संचार प्रभारी विजय नायर को धन जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी।

21 मार्च को ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। फिर 26 जून को सीबीआई ने उन्हें भ्रष्टाचार मामले में तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को ईडी मामले में अंतरिम जमानत दी, लेकिन वे अभी भी भ्रष्टाचार मामले में जेल में हैं। 5 सितंबर को सीबीआई केस में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसले सुरक्षित रख लिए हैं। वहीं 2 सितंबर को उनके करीबी विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। नायर लगभग दो साल बाद जेल से छूट चुके हैं।

नवंबर 2022 में सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 9 अगस्त को मनीष सिसोदिया को नायर से पहले और (बीआरएस) नेता के कविता को 27 अगस्त को जमानत मिली थी। साउथ ग्रुप से विजय नायर ने 100 करोड़ रुपये वसूले। नायर दिल्ली एक्साइज बिजनेस के स्टेकहोल्डर्स से संपर्क में रहे। वे शराब कानून में उन्हें लाभ देने के बदले पैसे की मांग करते थे। बीआरएस नेता के. कविता की अध्यक्षता वाले साउथ ग्रुप के सदस्यों से नायर ने केजरीवाल के लिए समझौता किया। शराब नीति में लाभ के बदले में नायर ने साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये वसूले थे। यह पैसे दो अन्य आरोपियों विनोद चौहान और आशीष माथुर के माध्यम से गोवा भेजा गया था।

सीबीआई का दावा है कि केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये वसूलकर गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च करने का आदेश दिया। कारण यह है कि (आम आदमी पार्टी) ने चुनाव के दौरान इसका फ़ायदा उठाया है, इसलिए वे भी चुनाव के दौरान गलत तरीके से कमाए गए धन का इस्तेमाल करने के जिम्मेदार हैं। एजेंसी ने बताया कि साउथ ग्रुप ने अपने हिसाब से शराब कानून बनाने के लिए “आप” को 90 से 100 करोड़ रुपये दिए थे।

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