राष्ट्रीय

रोज़गार मेला: बिना पर्ची, बिना खर्ची से सरकारी नौकरी का भरोसा जगा — प्रधानमंत्री मोदी

युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को मजबूत करने के लिए आज देश के 47 शहरों में रोजगार मेले आयोजित किए गए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने 51 हजार से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनसे संवाद भी किया।

Written by Himanshi Prakash, National Khabar

शनिवार को देशभर के 47 शहरों में रोजगार मेले आयोजित किए गए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को बड़ी सौगात देते हुए 51,000 से ज्यादा नियुक्ति पत्र वितरित किए और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्हें संबोधित किया। पीएम ने कहा कि सरकार का मकसद पारदर्शी और ईमानदार भर्ती प्रक्रिया को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि अब तक लाखों युवाओं को ऐसे रोजगार मेलों के जरिए नौकरी मिली है और वे राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, “हमारा मंत्र है — बिना पर्ची, बिना खर्ची।”

देश की विकास यात्रा में नई गति देंगे ये युवा – पीएम मोदी
युवाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अलग-अलग विभागों में नियुक्त हो रहे ये युवा आने वाले वर्षों में देश की विकास गति को और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ युवा देश की रक्षा करेंगे, कुछ ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सच्चे सिपाही बनेंगे, कुछ वित्तीय समावेशन को मजबूत करेंगे तो कुछ उद्योगों के विकास में योगदान देंगे।

राष्ट्र सेवा ही सबसे बड़ी पहचान – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भले ही सभी की नियुक्ति अलग-अलग विभागों में हो रही हो, लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही है — राष्ट्र सेवा। उन्होंने युवाओं से कहा, “आपके विभाग भले अलग हों, लेकिन आप सभी एक ही शरीर के अंग हैं, और वह शरीर है — देश।” पीएम मोदी ने खासतौर पर इस पर जोर दिया कि रोजगार मेलों ने यह भरोसा दिलाया है कि सरकारी नौकरी अब केवल काबिलियत के आधार पर, बिना सिफारिश और बिना रिश्वत के मिल सकती है।

रोजगार मेले का उद्देश्य
केंद्र सरकार द्वारा आयोजित रोजगार मेला एक विशेष अभियान है, जिसका मकसद युवाओं को तेज़ और पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए सरकारी नौकरियां उपलब्ध कराना है। इस अभियान के तहत अब तक लाखों युवाओं को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में रोजगार दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक, इस पहल ने लोगों में यह भरोसा पैदा किया है कि सरकारी नौकरी अब केवल काबिलियत के आधार पर मिल सकती है, बिना सिफारिश या रिश्वत के।

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