धर्म

क्यों अमरनाथ की गुफा में सफेद कबूतरों के दर्शन माने जाते हैं शुभ?

अमरनाथ यात्रा के दौरान सफेद कबूतरों के दर्शन को अत्यंत शुभ और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा से ये दोनों कबूतर अमर हो गए हैं।

धर्म डेस्क | National Khabar

अमरनाथ यात्रा और अमर कबूतरों की रहस्यमयी कथा

3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। यह यात्रा कश्मीर के पहलगाम और बालटाल मार्गों से शुरू होती है। इस बार बाबा भोलेनाथ ने बर्फानी गुफा में अपना विशाल रूप धारण किया है, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इसी के साथ गुफा में रहने वाले रहस्यमय अमर कबूतरों की चर्चा भी एक बार फिर शुरू हो गई है। आइए जानते हैं, आखिर इन कबूतरों की कहानी क्या है और उनका आध्यात्मिक महत्व क्यों है।

क्या है अमरनाथ की कथा?

पुराणों और लोककथाओं के अनुसार, एक बार मां पार्वती ने भगवान शिव से प्रश्न किया कि “आप अमर हैं, जबकि मुझे हर जन्म में कठिन तप करना पड़ता है और फिर आपसे मिल पाती हूं। ऐसा क्यों?” इसके अलावा उन्होंने भगवान के गले में लिपटे नागराज और नरमुण्डों की माला के बारे में भी सवाल किया।

इस पर महादेव मुस्कुराए और बोले कि वे उन्हें अमर कथा सुनाएंगे, जिसे सुनने मात्र से कोई भी अमर हो जाता है। लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी कि यह कथा ऐसी जगह सुनाई जाएगी जहां और कोई न सुन सके, क्योंकि अगर किसी और ने इसे सुन लिया तो वह भी अमर हो जाएगा। मां पार्वती ने इस पर सहमति जताई।

कबूतरों ने दे दी हामी

भगवान शिव मां पार्वती को लेकर अमरनाथ की गुफा पहुंचे और कथा शुरू की। उन्होंने पार्वती जी से कहा कि बीच-बीच में हूं-हूं कहकर ध्यान देने का संकेत देती रहें। कथा के दौरान मां पार्वती को नींद आ गई और उनकी जगह गुफा में बैठे एक जोड़े कबूतर गूं-गूं की आवाज़ निकालकर हामी भरने लगे। भगवान शिव को लगा कि मां पार्वती ध्यान से सुन रही हैं।

कबूतरों पर आया महादेव का क्रोध

कथा पूरी होने पर भगवान शिव ने देखा कि मां पार्वती तो सो रही थीं। तभी उनकी नजर उन कबूतरों पर पड़ी, जो अब भी गूं-गूं कर रहे थे। भगवान को पूरी बात समझ आ गई और वे क्रोधित होकर उन्हें मारने के लिए आगे बढ़े।

तब कबूतरों ने अपने पंख समेटकर विनती की — “हे महादेव, जब माता पार्वती सो रही थीं, तब हमने पूरी कथा सुन ली। यदि आप हमें मार देंगे, तो अमर कथा असत्य हो जाएगी।”

भगवान शिव उनके विनम्र भाव से प्रसन्न हुए और उन्हें जीवनदान दे दिया। साथ ही वरदान दिया कि वे इस गुफा में अमर रहेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे। तभी से माना जाता है कि ये कबूतर अमर हैं और आज भी अमरनाथ गुफा में रहते हैं।

क्या है इन कबूतरों का आध्यात्मिक महत्व?

अमरनाथ गुफा के इन रहस्यमय कबूतरों को देखना अत्यंत सौभाग्यशाली माना जाता है। कहा जाता है कि जिन भक्तों को इनके दर्शन होते हैं, उनका आध्यात्मिक मार्ग प्रशस्त होता है और आत्मज्ञान की ओर उनका झुकाव बढ़ जाता है।

लाखों श्रद्धालु हर साल बाबा बर्फानी के दर्शन के साथ-साथ इन अमर कबूतरों के दर्शन की भी कामना करते हैं। और सच में, इन्हें देख पाना केवल बड़े भाग्य वालों के नसीब में होता है।

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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