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हरियाली तीज 2025: व्रत में न करें ये 5 गलतियां, नहीं मिलेगा माँ पार्वती का आशीर्वाद

हरियाली तीज (Hariyali Teej 2025) सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखती है। यह पर्व भगवान शिव और माँ पार्वती के divine मिलन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करती हैं। इस लेख में जानिए हरियाली तीज के व्रत के नियम और पालन करने योग्य बातें।

धर्म डेस्क | नेशनल खबर

हरियाली तीज 2025: जानें व्रत के नियम, बचें इन गलतियों से ताकि मिले पूर्ण फल

हरियाली तीज का पावन पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र मिलन का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं इस दिन अखंड सौभाग्य की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं और पूरे विधि-विधान से पूजा करती हैं।

लेकिन अक्सर अनजाने में ऐसी कुछ गलतियां हो जाती हैं, जिनसे व्रत का पूर्ण फल नहीं मिल पाता। ऐसे में ज़रूरी है कि इन नियमों और सावधानियों का पालन किया जाए। आइए जानते हैं हरियाली तीज के व्रत से जुड़ी अहम बातें।

हरियाली तीज व्रत के नियम:

  1. यह व्रत निर्जला रखा जाता है। हालांकि अगर स्वास्थ्य ठीक न हो, तो अपनी क्षमता के अनुसार व्रत रखें।
  2. व्रत में पानी या फल का सेवन करने से इसका पुण्य कम हो जाता है।
  3. इस दिन क्रोध, झूठ और नकारात्मक विचारों से बचें।
  4. किसी के प्रति ईर्ष्या या द्वेष न रखें, इससे व्रत का प्रभाव घटता है।
  5. पूरे दिन शांत चित्त होकर भगवान शिव और माता पार्वती का नाम लेते रहें।
  6. व्रत सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय तक चलता है। इस दौरान तामसिक चीज़ों का सेवन न करें।
  7. व्रत तभी पूर्ण होता है जब पूजा के बाद व्रत कथा सुनी जाए।
  8. सुहागिन महिलाओं के लिए सोलह शृंगार का विशेष महत्व होता है, इसलिए शृंगार अधूरा न रखें।
  9. रात्रि में भजन-कीर्तन और जागरण करने का भी विधान है।
  10. शिव पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें।
  11. व्रत के दौरान किसी की निंदा या बुराई करने से बचें।

हरियाली तीज 2025 शुभ मुहूर्त:

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई 2025 की रात 10:41 बजे शुरू होगी और 27 जुलाई की रात 10:41 बजे समाप्त होगी। इस वर्ष हरियाली तीज का व्रत 26 जुलाई 2025 को रखा जाएगा।

इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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