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सावन में अगर दिख जाए सांप, तो समझें ये शुभ संकेत, जानें मतलब

सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित होता है। इस दौरान शिव भक्त कांवड़ लेकर जल चढ़ाने भी जाते हैं। ऐसे में अगर सावन के दिनों में आपको सांप दिखाई दे, तो इसका क्या अर्थ होता है? आइए जानते हैं इसके पीछे की मान्यता…

धर्म डेस्क | नेशनल खबर

आज से सावन का पावन महीना शुरू हो गया है। हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व है — यह न केवल चारों ओर हरियाली और ठंडी फिज़ा लेकर आता है, बल्कि भगवान शिव की आराधना से मन और आत्मा को भी शांति प्रदान करता है। सावन का सीधा संबंध भगवान शिव से माना जाता है और इसी वजह से इसे नागों (सांपों) के साथ भी जोड़ा जाता है। नाग को भगवान शिव के गले का हार कहा गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर सावन के दौरान कहीं सांप दिखाई दे तो इसका क्या अर्थ होता है? आइए जानते हैं ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसके संकेत।

सावन में सांप दिखना: शुभ या अशुभ?

हिंदू धर्म में नागों की पूजा प्राचीन काल से होती आ रही है। शास्त्रों और पुराणों में भी सांप को पवित्र और शक्तिशाली जीव माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन के महीने में अगर आपको कहीं सांप दिखाई दे, तो यह शुभ संकेत होता है। कहा जाता है कि नाग भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं, और इसलिए शिव ने उन्हें अपने गले में स्थान दिया है।

इसलिए यदि सावन में आपको सांप दिख जाए, तो समझिए कि भगवान शिव आपकी पूजा से प्रसन्न हैं और जल्द ही आपकी मनोकामनाएं पूरी होने वाली हैं। ऐसे में तुरंत भोलेनाथ का ध्यान करें और उनसे अपने सुख और कल्याण की प्रार्थना करें।

सफेद सांप का दिखना

सफेद सांप अत्यंत दुर्लभ होते हैं, लेकिन यदि सावन में आपको सफेद सांप दिख जाए, तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। यह इस बात का संकेत है कि भगवान शिव आपसे विशेष रूप से प्रसन्न हैं और आप उनके परम भक्तों में से एक हैं। ज्योतिष के अनुसार यह समय आपके जीवन में आने वाले बड़े बदलावों और सभी अटके कामों के पूरे होने का संकेत होता है।

सपने में सांप देखना

अगर आपको सपने में नाग या सांप दिखाई दे, तो इसे भी बेहद शुभ माना जाता है। यह संकेत होता है कि भगवान शिव आपको आशीर्वाद दे रहे हैं और जल्दी ही आपके दुख और बाधाएं दूर होने वाली हैं। यह सपना भगवान के आपके प्रति स्नेह और उनकी कृपा का प्रतीक माना जाता है।

इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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