
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बख्तियारपुर-ताजपुर ग्रीनफील्ड पुल के निर्माण कार्य का जायज़ा लिया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि पुल का 60% काम पूरा हो चुका है। इस पर मुख्यमंत्री ने कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क बेहतर हो सके और महात्मा गांधी सेतु पर ट्रैफिक का दबाव घटे। यह पुल एनएच-31 और एनएच-28 को जोड़ने का काम करेगा।
Written by Himanshi Prakash, National Prakash
गंगा नदी पर बन रहे बख्तियारपुर-ताजपुर ग्रीनफील्ड पुल का निर्माण अब तक 60 फीसदी पूरा हो चुका है। रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पुल के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि काम की रफ्तार और बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि परियोजना के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी और जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री अथमलगोला प्रखंड के कर्जन (बख्तियारपुर-मोकामा फोरलेन बाईपास) से होते हुए कल्याणपुर के रास्ते गंगा तट तक पहुंचे और वहां निर्माणाधीन बख्तियारपुर-ताजपुर पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से पुल निर्माण की प्रगति और मौजूदा स्थिति की विस्तार से जानकारी ली।
पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप पुडुकलकट्टी ने साइट प्लान के जरिए मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि बख्तियारपुर-ताजपुर ग्रीनफील्ड गंगा पुल का निर्माण कार्य करीब 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। 5.5 किलोमीटर लंबे इस पुल के बन जाने से कर्जन और ताजपुर के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा, जिससे एनएच-31 और एनएच-28 को जोड़ने का मार्ग सुगम हो जाएगा।
इस पुल के बनने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक और नया संपर्क मार्ग तैयार होगा। कर्जन से पटना जिले में गंगा पुल तक पहुंच मार्ग, आरओबी और अन्य संरचनाओं का काम जारी है। समस्तीपुर के ताजपुर से पटना के बख्तियारपुर तक बन रहे इस पुल परियोजना के तहत ताजपुर से चकलालशाही तक 16.2 किलोमीटर लंबे संपर्क पथ का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पुल का काम तेजी से आगे बढ़ाया जाए और जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा और आम लोगों के आवागमन को आसान बनाएगा। इसके बनने से महात्मा गांधी सेतु और राजेंद्र सेतु पर यातायात का दबाव भी कम होगा और सफर में समय की बचत होगी।
पुल के जरिए धार्मिक, पर्यटन, शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों तक पहुंचना भी सुविधाजनक हो जाएगा। साथ ही समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और बेगूसराय से आने वाले वाहनों के लिए यह एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप पुडुकलकट्टी, बिहार राज्य पथ विकास निगम के एमडी शीर्षत कपिल अशोक, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पटना प्रमंडल के आयुक्त डॉ. चंद्रशेखर सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।