राज्यदिल्ली

रेखा गुप्ता का हमला: “दिल्ली की बदहाली की जिम्मेदार पिछली सरकारे

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकारों ने दिल्ली के भविष्य को ध्यान में रखकर योजनाएं नहीं बनाईं, जिसके चलते झुग्गी बस्तियों और अनधिकृत कॉलोनियों की संख्या बढ़ती गई। उन्होंने कहा कि राजधानी की बढ़ती आबादी के हिसाब से नागरिक सुविधाओं का विकास नहीं हो सका। वायु प्रदूषण और सड़कों पर पुराने वाहनों की समस्या के लिए भी पिछली सरकारें ही जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार सार्वजनिक परिवहन को सशक्त बनाने और प्रदूषण कम करने के लिए लगातार काम कर रही है।

Written by Himanshi Prakash, National Prakash

मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर दिल्ली के भविष्य को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जातीं और उसी के अनुसार काम होता तो आज ये समस्याएं खड़ी नहीं होतीं।उन्होंने आरोप लगाया कि योजनाएँ केवल लुटियंस ज़ोन (Lutyens’ Delhi) तक सीमित रखी गईं, जबकि शेष दिल्ली को पूरी तरह उपेक्षित छोड़ दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पूरी दिल्ली के लिए योजना नहीं बनी, जिसके चलते यहां झुग्गी बस्तियां और अनधिकृत कॉलोनियां लगातार बढ़ती चली गईं। आज भी साफ पानी, सीवर, सड़क, पार्किंग जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए 100 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाने की आवश्यकता है और हमारी सरकार इसी सोच के साथ काम कर रही है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बेहतर दिल्ली, विकसित दिल्ली* कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कहा कि दिल्ली की बढ़ती आबादी के अनुसार नागरिक सुविधाओं का विकास नहीं हुआ। आज तीन करोड़ की आबादी के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों को साफ पानी, अच्छी सड़कें, पर्याप्त स्कूल और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि 50% लोगों के पास पानी नहीं है, सड़कें खराब हैं और मूलभूत ढांचे में भारी कमी है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए हमारी सरकार सौ साल आगे की जरूरतों को ध्यान में रखकर काम कर रही है ताकि दिल्लीवासियों को उनका अधिकार मिल सके।

मुख्यमंत्री ने दिल्ली में वायु प्रदूषण और पुराने वाहनों की समस्या के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अगर पहले की सरकारों ने इस पर काम किया होता तो अदालतों और एनजीटी को दखल नहीं देना पड़ता। उन्होंने बताया कि अब सरकार सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने और प्रदूषण घटाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। अब तक 2500 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी जा चुकी हैं और अगले ढाई वर्षों में पूरी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि धूल से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए ऊंची इमारतों पर स्प्रिंकलर लगाए जा रहे हैं और प्रत्येक वार्ड में चार स्प्रिंकलर तैनात किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने पुराने वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 80 हजार वाहन ऐसे ही जब्त कर लिए गए जैसे कोई चोरी कर रहा हो। उन्होंने कहा कि वाहन चलाने की अनुमति उसकी फिटनेस के आधार पर होनी चाहिए न कि सिर्फ उम्र के आधार पर।

यातायात जाम की समस्या पर उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनते ही 550 जाम वाले स्थानों की पहचान की गई। सभी एजेंसियों को साथ बैठाकर योजना बनाई और हर महीने इसकी समीक्षा हो रही है। अभियान चलाकर एक दिन में 3400 गड्ढे भरे गए। जलभराव की समस्या पर भी सरकार सक्रिय है। हर प्रभावित जगह के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं और उनकी जवाबदेही तय की गई है।

यमुना की सफाई पर उन्होंने कहा कि यह दिल्लीवासियों की आस्था का विषय है। सरकार इसके लिए नियमित रूप से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यमुना को साफ और अविरल बनाने के लिए 40 नए एसटीपी लगाए जा रहे हैं, पुराने नालों का पानी यमुना में जाने से रोका जा रहा है और बाढ़ क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का काम भी जारी है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद कांवड़ यात्रा शिविरों की व्यवस्था में पारदर्शिता आई है। पहले इसे ठेकेदारों के हवाले कर दिया जाता था जिससे भ्रष्टाचार होता था। अब पंजीकरण के बाद सीधी राशि दी जाती है। कारोबारियों की समस्याओं के समाधान के लिए भी काम हो रहा है और दिल्ली को शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार का हब बनाने के लिए एक लाख करोड़ का बजट पारित किया गया, जिसमें 28 हजार करोड़ आधारभूत ढांचे पर खर्च होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की हर महिला अब खुद को मुख्यमंत्री समझती है और बेझिझक अपनी बात उनके सामने रखती है। उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जा रहा है।

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